Sad Two line Shayari in Hindi | दिल को छू लेने वाली उदास शायरी | Heart Touching Sad Lines in Hindi | दिल को छू लेने वाली उदास शायरी इन हिंदी | Sad Line in Hindi.
Sad Two line Shayari in Hindi
कुछ अनकहे लफ़्ज़ों को कुचलकर निकलती हैं,
ये दूरियां भी रोज कातिल बनकर निकलती हैं।
तुम्हारी याद में आँसू बहाना यूँ भी जरूरी है,
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता।
मौत का रास्ता भी नजर नहीं आता है अब
कसम जो खाई थी कभी साथ जीना और मरना है.
उसने हँसते हुए तोड़ा था हमारा रिश्ता…
हम सभी को ये बताते हुए रो देते हैं…
आपका शरमाना भी कतई कातिलाना लगता है…
देखिए ऐसा न हो… बेवज़ह लोग मरनें लग जाएँ…!!
अब बोलनें में भी हमें ऐतराज़ है ख़ुद पर…
बेग़ैरत लोगों पर लब्ज़ों को क्यों खर्चा जाए…!!
सुना है फ़रिश्ते भी रो देते हैं कभी कभार…
मग़र काम है उनका… किसी की रूह.. कहीं को पहुचाना…!!
मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं,
मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी।
कभी यूँ भी हो इश्क़ की बाज़ी पलट जाये कुछ ऐसे ,,
वो गिने आकाश के तारे और सुकून से मैं सो जाऊँ !!
एक साथ चार कंधे देख कर ज़हन में आया.!
एक ही काफी था, गर जीते जी मिला होता.!!
दुआएं टकरा रही है दुआओं से
कोई मिलने की दुआ मांग रहा है कोई भूलने की 🥺
ज़रूरत पड़े अगर तो बता देना…
दिल जला लेंगे ख़ुशी से… तुम्हारी राह में रौशनी के लिए… !!
जाने वाले कभी वापस वापस आते और
आने वाले कभी छोड़ कर नही जाते है.
अपनीं बात मनवाने में इतनें माहिर हैं वो…
कि… हर एक धोखे के बाद… सुबूत भी हमीं से मिटवाये गए हैं…!!
चांद तो नही ला सका तेरे इश्क़ में मगर हां_
मैने कुछ सितारे बुने हे तेरे पैरो में लाकर
मुमकिन नहीं है तसल्ली से तुम्हें देख पाना…
ये लोग मुझे इतना सा भी मौका क्यों नहीं देते…!!
तुम ‘ना’ से चलकर आना मैं ‘हाँ’ से चलकर आऊँगा,
क्या पता कहीं ‘शायद’ में हम मिल जाएँ।
खुदा सलामत रखे उनकी आँखो की रौशनी ,
जिनकी नज़रों को हम चुभते बहुत है।।
तुमने सिर्फ इश्क सुना है, पढ़ा है, देखा है..
हमने इश्क किया है, जिया है, हारा है, सहा है..
अपनीं बात मनवाने में इतनें माहिर हैं वो…
कि… हर एक धोखे के बाद… सुबूत भी हमीं से मिटवाये गए हैं…!!
रिश्तों में दूरियां कभी इतनी मत बढ़ा लेना,
के दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पड़े।
उनकी गहरी नींद का मंज़र ना पूछ मुझसे…
तकिया कहीं ज़ुल्फ़ कहीं,और वो खुद कहीं___!!
दस्तख़त ख़ून से तो नहीं किये है मैनें…
पर उनसे उम्र भर प्यार करनें का इरादा रखते हैं…!!
जब कुछ नहीं बचा उन्हें मनानें के लिए…
हमनें अपनीं उम्मीदों का ही सौदा कर लिया…!!
चलो लौट आओ… बहुत देर हो गई…
ऐ ज़िंदगी… इतनीं भी शिकायत क्या हमसे…!!
ये जो लोग बाहर से बड़े अच्छे दिखाई देते हैं…
हक़ीक़त जाननें पर शायद… वो कोई औऱ निकलें…!!
क्या बड़प्पन की बात करी जाए…
मुझे बढ़ा-चढ़ा कर बोलनें का हुनर कभी आया ही नहीं…!!
उसने बस यूँ ही उदासी का सबब पूछा था,
मेरी आँखों में सिमट आये समंदर सारे।
ज़माना,,,,
खुद से जीतने की जिद है मुझे खुद को ही हराना है,
मै भीड़ नहीं हूँ दुनिया की ,मेरे अन्दर एक ज़माना है.,
तुम क्या गए कि वक़्त का अहसास मर गया,
रातों को जागते रहे और दिन को सो गए।
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल….!!
अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका.. …!!
आज मैंने दिल को थोड़ा साफ़ किया,
कुछ को भूला दिया, कुछ को माफ़ किया.
मुश्किल वक्त दुनिया का सबसे बड़ा जादूगर है,
जो एक पल में आपके चाहने वालों के चेहरे
से नकाब हटा देता है !!
कोई मुँह फेर लेता है तो ‘क़ासिर’ अब शिकायत क्या
तुझे किस ने कहा था आइने को तोड़ कर ले जा.
कितनी मासूम होती है ये दिल की धड़कनें,
कोई सुने या ना सुने ये खामोश नही रहती…
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया।
❛जो जले थे हमारे लिए, बुझ रहे है वो सारे दिये,,,
कुछ अंधेरों की थी साजिशें, कुछ उजालों ने धोखे दिए.
लोगों को पसंद नहीं है उसका गुस्सा करना….
मैं सच बताऊँ मुझे वो क़यामत लगती है गुस्से सी शकल में…
मंजूर है हमे तुम्हारी शर्ते सारी ,
बस इस मोहब्बत के दर्द से हमे आजाद कर दो।।
उनके दरवाजे से हमें एक शिकायत छोटी सी है…
जब वो आनें वाले हों… ये हमें इत्तिला नहीं करते…!!
उँगलियाँ आज भी इसी सोच में गुम हैं,
कि कैसे उसने नए हाथ को थामा होगा।
दर्द के बाज़ार मे खूब तरक्की कमा रहा हु.
पहले छोटी दुकान थी अब शोरूम चला रहा हूं.,
ख्वाइश यह नहीं की तारीफ सब कोई करें बस कोशिश
यही है कोई गलत ना करें.
बो आयने में खुद को कैसे बर्दाश्त करते होंगे,
उन्हें तो सख्त नफ़रत थी धोखेबाजों से।
दर बदर भटकते रहे हम सुकून की तलाश में
अब एहसास हुआ कि सुकून तो मिलेगा जिंदगी के बाद में.
तेरी ख़ुशी की खातिर मैंने कितने ग़म छिपाए..
अगर मैं हर बार रोता तो तेरा शहर डूब जाता.
अभी-अभी एक टूटा तारा देखा बिलकुल मेरे जैसा था,
चाँद को कोई फर्क नहीं पड़ा बिलकुल तेरे जैसा था…!
मुझे पहले लगता था, जाति मसला है,,,
मैं फिर समझ गया इश्क़ कायनाती मसला है….
तुम ही तो हो,जो महसूस होते हो हर लम्हा ।
जो तुम न होते तो शायद धड़कनें एक शोर सी लगतीं।।
याद कर रहे थे बस शिकवे करने को तुमसे,
तुम आए तो इश्क़ है,ये बात दोहरा दिए..!!
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
चांदनी रात में तनहा बैठे हो सफ़क कोई बात है क्या
नींद नही आ रही या तुम ख्वाबों से डरते हो क्या
तेरी खुशबू तेरी चाहत से दिल यूँ महरूम रहा,
बनारस रहकर भी कोई जैसे गंगा से दूर रहा.
पढ़ तो लिया है इनको मगर कैसे फैंक दू खुशबू तुम्हारे
हाथ की इन कागजों में आज भी है.
बाँधकर ज़ुबान मेरी कह रहा था वो ज़ालिम…
अब तुम्हे इजाज़त है हाल-ए-दिल सुनाने की.,,
मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो,
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।।
रुला कर उसने कहा अब मुस्कुराओ और हम भी मुस्कुरा दिए
क्यूंकि सवाल हंसी का नहीं उसकी ख़ुशी का था।।
जमाने भर के रिश्तों से मुझे क्या लेना-देना,
बस इतना ही काफी है कि बहन मेरे साथ है.🥀
हकीकत से बहुत दूर थी ख्वाहिश हमारी
फिर भी ख्वाहिश थी के एक ख्वाब हकीकत होता 🖤
एक इतवार ही है जो रिश्तों को संभालता है,
बाकी दिन किश्तों को संभालने में खर्च हो जाते हैं…