Pyar Me Dhoka Shayari Hindi | प्यार में धोखा बेवफा शायरी 2023

Pyar Me Dhoka Shayari Hindi | प्यार में धोखा खाई हुई शायरी | Dhoka Shayari Hindi | प्यार में धोखा बेवफा शायरी | प्यार में धोखा बेवफा शायरी | Sad Shayari in Hindi | दिल को धोखा देने वाली शायरी.

Pyar Me Dhoka Shayari in Hindi

साथ में गुजारी हर वो, शाम भूल गए,
मोहब्बत वाली बातें, तमाम भूल गए,
कायनात में कायम,बहुत कम ही रहते हैं अपने वादे पे,
फिर भी, गिला यही है कि तुम मेरा, नाम भूल गए.

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पत्थर से दिल लगाने से पहेले देख लेते,
की वो धड़क रहा हे के नही.
उनपर ऐतबार ना करते हम अगर,
तो ज़िंदगी मे ठोकर ना खाते हम कभी.

 

चले जायेंगे मगर यादें सुहानी छोड़ जायेंगे,
आपके दिल में अपनी निशानी छोड़ जायेंगे,
कभी रोअगे तो कभी मुस्कुराओगे,
हम इश्क़ की ऐसी कहानी छोड़ जायेंगे।

 

रास्ता ऐसा भी दुशवार न था,
बस उसको हमारी चाहत पे ऐतबार न था,
वो चल न सकी हमारे साथ वरना,
हमे तो जान देने से भी इनकार न था.

 

हम भूल जाये ऐसी दिल की हसरत कहाँ,
वो याद करे हमे इतनी उसे फुर्सत कहाँ,
जिनके चारो तरफ हो अपनों का साथ,
उन्हें हमारी जरुरत कहाँ.

 

वक़्त बदला और बदली कहानी है;
संग मेरे हसीन पलों की यादें पुरानी हैं;
ना लगाओ मरहम मेरे ज़ख्मों पर;
मेरे पास उनकी बस यही एक बाकी निशानी है।

 

समजते थे हम उनकी हर एक बात को,
वो हर बार हमसे धोका देते थे,
पर हम भी वक़्त के हातो मजबूर थे,
जो हर बार उनको मौका देते थे.

 

वो दर्द से भरे लम्हे आज भी हमे याद आते है,
धोखे वाले दिनों को याद दिला जाते है,
हमारे जख्मों को और गहरा कर जाते है,
हमे तन्हा महसूस करा जाते है।

 

तेरे बिन टूट के बिखर जाऊंगा,
तु मिल जाये तो गुलशन की तरह खिल जाऊंगा,
तु ना मिली तो जीते जी मर जाऊंगा,
तुझे जो पा लिया तो मर कर भी जी जाऊंगा।

 

तेरे हसीन तस्सवुर का आसरा लेकर;
दुखों के काँटे में सारे समेट लेता हूँ;
तुम्हारा नाम ही काफी है राहत-ए-जान को;
जिससे ग़मों की तेज़ हवाओं को मोड़ देता हूँ।

 

टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आता;
इश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आता;
ऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचा;
कि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता।

 

टुटा हो अगर दिल, तो दुःख बहुत होता है
करके मोहब्बत किसी से, ये पागल दिल रोता है
दर्द का अहसास तो तब होता
जब उसके दिल में कोई और होता है।

 

तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूँ;
उदास रात की तन्हाई में सो लूँ;
अकेले ग़म का बोझ अब संभलता नहीं;
अगर तू मिल जाये तो तुझसे लिपट कर रो लूँ।

 

ना हम रहे दिल लगाने के काबिल;
ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल;
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर;
ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल।

 

मेरे प्यार को वो समझ नहीं पाया;
रोते थे जब बैठ तनहा तो कोई पास नहीं आया;
मिटा दिया खुद को किसी के प्यार में;
तो भी लोग कहते हैं कि मुझे प्यार करना नहीं आया।

 

दिल से खेलना हमें आता नहीं,
इसलिए इश्क की बाज़ी हम हार गए;
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें,
इसलिए जिंदा ही मुझे वो मार गए।

 

आग दिल में लगी, जब वो खफा हुए
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफा हुए।

 

गुज़रते लम्हों में सदियाँ तलाश करतl हूँ;
ये मेरी प्यास है,नदियाँ तलाश करतl हूँ;
यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी;
मैं अपने आप में खामियां तलाश करतl हूँ!

 

अजीब था उनका अलविदा कहना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ!

 

रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है;
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है;
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू;
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।

 

हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमने;
तेरी ख़ातिर हर दिन आँसू बहाए हमने;
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला;
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।

 

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।

ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो,
ज़रूरी नहीं कि जिसके हम हों वो भी हमारा हो,
कुछ कश्तियाँ डूब जाया करती हैं,
ज़रुरी नहीं कि हर कश्ती के नसीब में किनारा हो.

 

सुना है वो जाते हुए कह गये,
के अब तो हम सिर्फ़ तुम्हारे ख्वाबो मे आएँगे,
कोई कह दे उनसे के वो वादा कर ले,
हम जिंदगी भर के लिए सो जाएँगे.

 

रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।

 

कोई बाड़ा नहीं फिर भी तेरा इंतज़ार है
जुदाई के बाद भी तुमसे प्यार है
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गबाही
मुझसे मिलने की अब भी तुम बेकरार है.

 

ज़िन्दगी में एक पल भी सुकून न पाया
दुनिया की इस भीड़ में खुद को तनहा न पाया
तेरे दिए ज़ख्मो को प्यार समझते रहे
और तेरे धोखे में आके किसी से दिल न लगाया।

 

रिश्ते टूट कर चूर चूर हो गए
धीरे धीरे वो हमेसा दूर हो गए
हमारी ख़ामोशी हमारे लिए गुनाह बन गयी
और वो गुनाह करके बेकसूर हो गए।

 

चेहरों के लिए आईने कुर्बान कर दिया,
इस शौक में बहोत नुकसान कर दिया
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर वो बहुत खुश थे,
जिस शख्स पर मैंने सब कुर्बान कर दिया।