Pyar Bhari Shayari in Hindi | प्यार भरी शायरी हिंदी में
Pyar Bhari Shayari in Hindi | रोमांटिक प्यार भरी शायरी दो लाइन | Pyar bhari Shayari for Girlfriend | सच्चा प्यार करने वाली शायरी | Pyar Bhari Shayari | प्यार भरी शायरी हिंदी में.!
Pyar Bhari Shayari in Hindi
चुपचाप गुज़ार देगें तेरे बिना भी ये ज़िन्दगी
लोगो को सिखा देगें मोहब्बत ऐसे भी होती है.
वाह!!क्या दीदार है हुस्न-ए-जाम का❣
वाह!!क्या नसीब है आशिक-ए-आलम का❣
वाह!!क्या चेहरा है चाँदनी-ए-चाँद सा❣
जरा संभल कर रखना इन हुस्न को बहोत से आशिक़
तरस रहे है पाने इस खूबसूरत अहसास को.
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर,
की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं,
मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की,
मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।
वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए
चल रहा है सफर जिंदगी का
कहो तो चल दू साथ हमसफ़र बनके
वादा रहा इस सफर का
अकेले नही छोड़ेंगे मेरे हमसफ़र को❤️
ज़िक्र जिस दम भी छिड़ा उन की गली में मेरा
जाने शरमाए वो क्यूँ गाँव की दुल्हन की तरह.
जब खामोश आँखों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
न जाने कब दिन और कब रात होती है।
खामोश है मेरे दिल की जुबान इन्हें तुम ही तो सुन तो जरा.
लफ्जों की दवा भी थोड़ी सी रख लो जरा.
जिन्दगी के हिसाब किताब भी., बङे अजीब थे…!!
जब तक लोग अजनबी थे ., ज्यदा करीब थे…!!
Pyar Bhari Shayari in Hindi
आज मौसम कुछ नया रंग ले के आया है,
बारिश में हलकी सी धूप ले के आया है,
एक बात समझ नहीं आती दया कि,
आखिर कातिल ने हथियार कहाँ छुपाया है?
जितने भी दिए हैं सितारे जैसे दिए है.
कुछ कम ही सही पर सच्चे दिए है
क़िस्मत पे मेरी मुझको नाज़ क्यों ना हो
जब भगवान ने मुझे आप जैसा दोस्त दिए है.
मैं बुरा हुँ मेरा दिल बुरा है 🖤
सही है पर इसे बाजार में मत कहो 🤷
बदनामी तेरी भी होगी 😤
तुमने भी कुछ दिन यहाँ गुजारे है 💔
मर गयीं मेरे लिए मेरे से मत पूछो उसका हाल..
नही तो हो जाएगा इक दिन बहुत बड़ा बवाल
दिल तो अब तन्हाई से इश्क कर बैठा ❤️
कह रहा था तन्हाई साथ नहीं छोड़ते 💔
सोचा था इस क़दर उन्हे भूल जाएँगे,
देख कर भी अनदेखा कर जाएँगे,
पर जब जब आया सामने उसका चेहरा…
सोचा इस बार देखलेते हे,अगली बार भूल जाएँगे !
गिनो सब हसरतें जो ख़ूँ हुई हैं तन के मक़तल में;
मेरे क़ातिल हिसाबे-खूँबहा ऐसे नहीं होता;
किसी नज्म को भी मैं तेरा नाम दे दूँ,…
पर डरता हूँ हर आशिक वही नज्म गाएगा…
Pyar Bhari Shayari in Hindi
मेरी मौत से किसी को फरक पड़े या ना पड़ें …
मेरी तन्हाई जरुर रोयेगी के मेरा हमसफर चला गया…
जब से देखा है तेरी आँखो मे झाँक कर,
कोई भी आईना अच्छा नही लगता,
तेरी मोहब्बत मे ऐसे हुए है दीवाने,
तुम्हे कोई और देखे तो अच्छा नही लगता..
उस लड़के का दुख तुम क्या समझोगे,
जिसे मोहब्बत हो जाए और वो , बेरोजगार हो।
इंसान हँसता तो सबके सामने है,
लेकिन रोता उसी के सामने है जिस पर
उसे खुद से ज्यादा भरोसा होता है !!
खिल उठी फ़ूलों की जैसे, चहकी पंछी की तरह,
अंजुम’ की ख़ातिर ग़ज़ल जब बज़्म में गाई गई ।
जब में खुश होता हूँ तो वो भी खुश होता हैं,
में बात आईने की कर रहा हूँ इंसान की नहीं।
दुरियां से दिल नहीं भरा उनका तो
सबसे करीब आकर कहा हम तेरे नहीं ….
कहता हैं की लिख दू इक ” नज्म ” तेरे नाम की…
तुझे खुश ना कर पाऊ तो ये ज़िन्दगी किस काम की…
Pyar Bhari Shayari in Hindi
ये मुश्किल वक्त है लेकिन ये जल्दी बीत जायेगा,
ये एैसी रेस है जो रुक गया वो जीत जायेगा ।।
छोड़ दिया मैंने अपने लफ़्ज़ों में किसी का जिक्र करना,
जब कोई आपको अपना ही ना समझे तो फिर उसकी
फिक्र क्या करना।
लिख तो डाला हाले दिल हमने मगर फिर यूँ हुआ,
पस्त हिम्मत हो गई चिट्ठी न भिजवाई गई ।
क़त्ल न करो, बस मोहब्बत करके छोड़ दो
किसी दिलजले से पूछ लो, ये भी सज़ा-ए-मौत है।।
माना के किस्मत पे मेरा कोई ज़ोर नही,
पर ये सच ह के मोहब्बत मेरी कमज़ोर नही,
उस के दिल मे, उसकी यादो मे कोई और है लेकिन,
मेरी हर साँस में उसके सिवा कोई और नही..!!!
मैं मानता हूँ खुद की गलतियां भी कम नहीं रही होंगी
मगर बेकसूर उन्हें भी कहना मुनासिब नहीं…!!
आज तुम जिसके कद्र नहीं कर रहे हो ना 🖤
यकीन मानो आज भी उनके लिए दुआ मांगी जाती है
मुलाकात भी कभी आँसू दे जाती है,
नजरें भी कभी धोखा दे जाती है,
गुजरे हुये वक्त को याद करके देखिये,
तनहाई भी कभी कभी सुकून दे जाती है…
ज़िन्दगी जब मुझसे मज़बूती की रखती है उमीद
फ़ैसले की उस घड़ी में क्यूँ बिखर जाता हूँ मैं.
Pyar Bhari Shayari in Hindi
हमारे ऐब हमें उँगलियों पे गिनवाओ,
हमारी पीठ के पीछे हमें बुरा न कहो.
खैरियत तो हर एक मुलाकात पर पुछते रहते हो
कितनी मुहब्बत करते हो ये जरूरी बात बताओ.
ये शहर वो है जहाँ राक्षस भी है “राहत”,
हर एक तराशे हुये बुत को देवता न कहो.
चलते रहते हैं कि चलना है मुसाफ़िर का नसीब
सोचते रहते हैं, किस राहगुज़र के हम हैं.