One Sided Love Shayari in Hindi | एक तरफा मोहब्बत शायरी | One Sided Love Shayari in Hindi | एकतरफा प्यार शायरी दो लाइन | One Sided Love Shayari in English | एक तरफा मोहब्बत शायरी हिन्दी में.
One Sided Love Shayari Hindi
“कितनी बेचैनियाँ है ज़हन में तुझे लेकर,
पर तुझ सा सुकून भी कहीं और नहीं मिलता…!”
मुहब्बतों की लगा दी है मैंने लत उसको,
न रास आएगी अब कोई सल्तनत उसको..!!
तेरी मोहब्बत में..मिश्री-सा हो गया मन…!!
मीठी-सी जुदाई..मीठी-सी तन्हाई..मीठा-सा गम…!!
“आँखें बंद करके तुम्हें महसूस करने के सिवा,
मेरे पास तुमसे मिलने का कोई दूसरा रास्ता नहीं।”
शाखों ने संभाला नहीं, हवाओं ने बख्शा नहीं…!!
मैं एक टूटा हुआ पत्ता, यूँ ही आवारा हो गया…!!
आसान नही किसी की यादों को भूलना,
आंसुओ को समेटना और बिखर कर संभलना।
गुस्से में जो निख़रा है, उस हुस्न का क्या कहना,
कुछ देर अभी हम से तुम, यूं ही ख़फ़ा रहना…!!!!
उसकी अहमियत सिर्फ़ मेरी बेसब्री तक ही है,
काश…मुझे वो सब्र ना सिखाए।
“देखा है हमने यह आलम इस ज़माने में,
बहुत जल्दी थक जाते है लोग…रिश्ते निभाने में।”
रूठने मनाने का एक हसीन दौर चल गया है,,,
जब से उस परी का हमपे जोर चल गया है।।
वो कहते है कि हम तेरे ख्यालों में रहते है,
अब उन्हें कैसे समझाये ख्यालों में भूलने वालों को
रखते है।।
“हम वो हैं…जो ख़ुदा को भूल गए,
तुम मेरी जान किस गुमान में हो।”
“ज़िन्दगी की किताब का हर पन्ना बेमिसाल है,
कुछ में उनकी आरज़ू है…कुछ में उनका ख़्याल है।”
“करने लगा वो जब जवाबों से फ़ासले….,
हमने भी रख दिए अपने सवालात बांधकर।”
में उसका दीवाना हर बात पर हामी भर देता हूं…
वो कहती है इश्क़ है तुझसे ओर में मान भी लेता हूं…
“जो साथ रहकर हमें सँवार ना सके,
वो ख़िलाफ़ होकर क्या बिगाड़ लेंगे।”
महोब्बत और हमसे खैर छोड़ो,
नफ़रत बताओ कितनी करते हो।।
सलीका हो अगर भीगी हुई आँखों को पढ़ने का…!
तो ज़ज्बात भी मेरे कयामत का असर रखते हैं…!!
हां सुना था मेने उसकी जुबान से मेरा नाम भी
आज तक वो आवाज मेरे कानों में गूंजती हैं.!!
जिस ख़्वाब में हो जाये दीदार-ऐ-यार हांसिल…
ऐ इश्क़ कभी हम को वो नींद सुला दे..!!!
“मोहब्बत की बातें बस दिल तक ही रखना…,
दिमाग चालाक है…हिसाब लगाएगा।”
सुखे पत्तो की तरह बिखरी थी जिन्दगी..
आज किसी ने समेटा भी तो बस जलाने के लिए.. !!
पूरी दुनिया जीतने का हुनर रखते थे हम लेकिन
तुमसे हारने के बाद मै आज तक नही जीता.
“किसने किसको छोडा…इससे क्या फ़र्क पड़ा,
तन्हा तुम भी हुए…तन्हा हम भी रहे…!”
“तेरी उँगलियाँ युँही उलझी रही जो मेरे हाथ में,
तो यकीनन सारी उलझनों को हम सुलझा लेंगे।”
मैंने कुछ लफ़्ज़ लिखे हैं लहरों पर
जब दरिया तेरे शहर से गुजरे तो पढ़ लेना.
मुस्कान आ जाती है होंठों पर तेरे दीदार से…!!
बताओ क्या नाम रखें तेरा हम प्यार से…????
कुछ खूबसूरत पलों की महक सी हैं तेरी यादें
सुकून ये भी है कि ये कभी मुरझाती नहीं..!!
गिले भी है तुझसे, शिकायतें भी हजार हैं…!
फिर भी ए जाने तमन्ना मुझे तुझसे ही प्यार है…!!
“बस इतनी सी मोहब्बत है उससे,
हर रात का आख़िरी ख़्याल और हर सुबहा की पहली
सोच है वो।”
“तेरे कहने से ही तो दूर हुए है तुझसे,
अब लोगों से ये मत कहना…बेवफा हूं मैं।”
“इश्क़ का रंग और भी बेमिसाल हो जाता है…,
जब इश्क़ दो शायरों में हो जाता है।”
“लिखकर तुम्हारे नाम के साथ अपना नाम…,
यूँ ही दायरों को कई बार झुठलाया है हमने !”
“हम वारदात की तरह वहीं रहे,
तुम बयान की तरह बदलते रहे।”
कुछ नहीं बस..इतना सा वादा चाहिए…!
मुझे तेरा प्यार थोड़ा औरों से ज्यादा चाहिए…!!
“ज़रा इंतज़ार कर लेना दफ़नाने में हमको,
देर करना फ़ितरत में है…मेरे महबूब की।”
क्या हुआ जो हम लिपट गए तुझसे…
तुम्हें इज़ाज़त है बदला तुम भी ले लो…!!
“नुक़्स निकालते हैं लोग इस क़दर हममें,
जैसे उन्हें ख़ुदा चाहिए था…और हम इंसान निकले।”
“पाने की तलब थी कहां…?
हम तो बस तुझे खोने से डरते थे…!”
जब जब भी मेरे जहन में तेरा ख़्याल आ जाता है,,,
तो मेरा वो छोटू सा दिल तेरे प्यार से भर जाता है।।।
“छोड़ तो सकते हैं मगर उसे छोड़ नहीं पाते,
वो शख़्स मेरी बिगड़ी हुईं आदत की तरह है।
ये कैसा सरूर है…तेरे इश्क़ का मेहरबां
सँवर कर भी रहते हैं.. बिखरे बिखरे से हम…!!
“वज़ह कुछ और थी…कुछ और बताते रहे,
वो अपने थे इसलिए कुछ ज़्यादा ही सताते रहे।”
“मौसम की तरह बदलते है उसके वादे…,
उपर से ये ज़िद कि तुम मुझपे ऐतबार करो।”
कभी हमने भी लिखे थे ख़त उनको,
आज तक जिनका जवाब नही मिला हमको।।
“दिल के लूटने का सबब पूछो ना सबके सामने,
नाम आयेगा तुम्हारा…ये कहानी फिर सही।”
तू पढ़ी लिखी मैं अनपढ़ गवार सा,
फिर भी तेरे हुस्न का मैं बीमार सा।।
“शिकायतों और दुआओं में जब एक ही शख़्स हो
समझ लो इश्क इबादत के मुकाम पे है।”
हर हरकतों से हम उनकी अंजान थे,
पर मात देने में वो भी माहिर थे।।
रात में ख्वाहिशें कुछ यूं दबी सी रह गई…!!
ख्वाब में तुमको ढूंढते-ढूंढते बस सुबह सी हो गई…!!
खूबसूरत हो मगर इश्क का अंदाज नहीं..
ये कमी है कि तुम्हारा कोई हमराज़ नहीं…
तेरे जिस्म को नहीं बल्कि तेरी रूह को पाना था,,,
मुझे तेरे साथ एक छोटा सा आशियाना बसाना था।।।
“रिश्तों में दुरियाँ कभी इतनी भी मत बढ़ा लेना,
कि दरवाज़ा खुला हो फिर भी खटखटाना पडे।”
कोई तो आके रुला दे बहोत हंस रहा हूं में…
बहोत अरसा हुआ खुशियो को तरस रहा हूं में…
“सबसे कहते हैं कि तेरा इंतज़ार नहीं,
पर हर शाम सोचते हैं कि तू अब तक आया क्यों नहीं।”
“वक़्त तो अब लफ़्ज़ों में दिया जाता है,
रूबरू तो महज़ दिखावा किया जाता है।”