
Mausam Shayari in Hindi | 500+ रोमांटिक मौसम शायरी
आज हम आपके लिए बहुत ही बेहतरीन Mausam Shayari in Hindi, Mausam Quotes in Hindi, Mausam Status Hindi, Mausam Messages & Mausam Thought रोमांटिक मौसम शायरी हिंदी में ले कर आये हैं जो आपको बहुत पसंद आयेंगे|
अगर आप भी किसी को Mausam Shayari Hindi, Status, Quotes, Messages, Thought भेजना चाहतें हैं तो तो निचे दिए गए Mausam Shayari In Hindi 2022 में से इसका चुनाव कर सकते हैं|
Mausam Shayari in Hindi
मौसम गए सुकून गया ज़िन्दगी गई
दीवानगी की आग में क्या-क्या गया न पूछ।।
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी,
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी।
दिसंबर में मौसम भी कति प्यारा होता है
होता ठंडा है मगर
फिर भी सबका दुलारा होता है।
सुहाने से मौसम में, रूहानी सी बात कह गई,
उससे प्यार नही करना था, मगर प्यार हो गई.
तुम मौसम की तरह बदल रही हो,
मैं फसल की तरह बरबाद हो रहा हूँ..!!
भूली यादों को याद कर के आज रोया हूँ
भूले जख्मो को आज फिर से म भिगोया हूँ
तभी ठंडी के मौसम में भी लंबी चदर
को तान सोया हूँ।
बलखाने दे अपनी जुल्फों को हवाओं में,
जूड़े बांधकर तू मौसम को परेशां न कर.
आ देख मेरी आँखों के, ये भीगे हुए मौसम,
ये किसने कह दिया कि तुम्हें भूल गये हम.
जैसा मूड़ हो वैसा मंजर होता है..
मौसम तो इंसान के अंदर होता है…
बेईमान मौसम से पूछो कुछ हरकत कर रहा है
बताता नहीं क्या …ये मेरे हमसफर से डर रहा है.
Mausam Shayari in Hindi
यूँ ही शाख से पत्ते गिरा नहीं करते,
बिछड़ के लोग भी ज्यादा जिया नहीं करते।
जो आने वाले हैं मौसम उनका एहतराम करो,
जो दिन गुजर गए उनको गिना नहीं करते।।
नीचे गिरे पत्ते भी सुख जाया करते है
सर्दी के मौसम में जोड़े भी रूठ जाया करते है.
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे।
मैं शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।
टूटे दिल से मत पूछों कौन-सा मौसम अच्छा लगता है,
जब वो साथ होता है तो हर मौसम अच्छा लगता है.
जाता हुआ मौसम लौटकर आया है,
काश वो भी कोशिश करके देखे?
मौसम भी है सुहाना, बारिश भी हो रही है,
बस एक कमी है तेरा मुझसे गले लग जाना।।
मस्त मौसम दिल में बहार लता है
बिछड़े हुआ जोड़े को फिर से मिलता है.
बहुत ही सर्द है अब के दयार-ए-शौक़ का मौसम,
चलो गुज़रे दिनों की राख में चिंगारियाँ ढूँडें।।
कोई दिल में इस कदर उतर जाता है,
जिसके बाद हर मौसम रंगीन नजर आता है,
उसे ना देखों तो दिल बेचैन हो जाता है,
उसे देख लो तो उस पर प्यार आता है.
हँसाना नहीं बस रुलाना जानता है
ये मौसम भी ना बस औरों को फसाना जानता है।
Mausam Shayari in Hindi
मौसम को मौसम की बहारों ने लूटा,
हमे कश्ती ने नहीं किनारों ने लूटा।।
कुछ आपका अंदाज है कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो संगीन है।।
सुहाने मौसम से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की कोशिश आज भी करता हूँ.
बरसती बारिशों से बस इतना ही कहना है
के इस तरह का मौसम मेरे अंदर भी रहता है.
आज मौसम ने मूड सुहावना बना रखा है
चलो अंदर चलते है बेफ़िजूली बातों में क्या रखा है.
जमाने भर का गम अपने कंधो पर उठा रखा है
नज़रों का कहर दिल में दबा रखा है
अपने मौसम को तो तूने सुहाना बना रखा है
हमारे मौसम को धुंए में जला रखा है.
अपने किरदार को मौसम से बचाए रखना !
लौट कर फूलों में वापस नहीं आती खुशबू.”
लुत्फ़ जो उस के इंतज़ार में है।
वो कहाँ मौसम-ए-बहार में है।।
मौसम का मिजाज समझ में नही आता है,
यह भी इंसानों की तरह बेवफा हो जाता है.
अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है……
थोड़े नखरे कम करो दूर क्यूँ हो ,
थोड़ा पास आजाओ।
Mausam Shayari in Hindi
अरे इतना भी मत सताओ मौसम सुहाना है…
थोड़े नखरे कम करो
दूर क्यूँ हो, थोड़ा पास आजाओ।
रुका हुआ है अज़ब धुप छाँव का मौसम,
गुज़र रहा है कोई दिल से बादलों की तरह..!!
सतरंगी अरमानों वाले, सपने दिल में पलते हैं,
आशा और निराशा की, धुन में रोज मचलते हैं,
बरस-बरस के सावन सोंचे,प्यास मिटाई दुनिया की,
वो क्या जाने दीवाने तो सावन में ही जलते है।
विचार हो जैसा वैसा मंजर होता है,
मौसम तो इंसान के अंदर होता है.
तपिश और बढ़ गई इन चंद बूंदों के बाद,
काले स्याह बादल ने भी बस यूँ ही बहलाया मुझे।
सुहाने मौसम में दिल भी कहीं भटक जाता है
उस गली में ही कहि फिर से दिल अटक जाता है.
जब तुम यूँ मुस्कुराते हुए आते हो,
तो संग मौसम बाहर का लाते हो.
काश तुझे सर्दी के मौसम मे लगे मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे कम्बल की तरह..!
ये मौसम कितना प्यार है,..!!
खूबसूरत कितना यह नजारा है,
इश्क़ करने का गुनाह हमारा है,..!!
मेरे सीने में धड़कता दिल तुम्हारा है..!!
Mausam Shayari in Hindi 2022
इश्क़ में सुहाना लगता है हर मौसम,
हर मौसम टूटे दिल को देता है सिर्फ़ गम.
कम से कम अपनी जुल्फे तो बाँध लिया करो।
कमबख्त. बेवजह मौसम बदल दिया करते हैं।।
कोई मुझ से पूछ बैठा ‘बदलना’ किस को कहते हैं?
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ? “मौसम” की
या “अपनों” की!
इस सर्दी के मौसम ने भी बोहोत सताया है
फिर तेरी यादों ने भी नींदो से हमें जगाया है
ठन्डे मौसम में भी हमे जोरों से रुलाया है
अकेलेपन से मुझे मेरे मित्रों ने ही तो बचाया है.
आज है वो बहार का मौसम,
फूल तोड़ूँ तो हाथ जाम आए।।
मौसम की तरह इंसान नही बदलते है,
मौसम बदलने का पता चल जाता है,
मगर इंसान के बदलने का पता बड़ी देर
में चलता है.
तेरे इंतजार का मजा ही कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे इस मौसम का मजा
भी कमजोर है..!!
किसने कहा इश्क़ बेवफा होता है,
किसने कहा इश्क़ सजा देता है,
किसी के इश्क़ में पूरी तरह डूब कर देखो
उसकी यादों का मौसम भी मजा देता है.!
सुहाना मौसम भी बिगड़ जाता है आँधियों के चलने से
धोखेबाज भी बदल जाते है धोखेबाजियों के चलने से.