Matlabi Rishte Shayari in Hindi | झूठे मतलबी रिश्ते शायरी 2022
Matlabi Rishte Shayari in Hindi | झूठे मतलबी रिश्ते शायरी | Jhuthe Matlabi Rishte Shayari | झूठे मतलबी रिश्ते शायरी | Matlabi Logo ke Liye Shayari | रिश्तों में दरार शायरी.
Matlabi Rishte Shayari in Hindi
इस दुनिया ने सिर्फ हमें मतलब के लिए ही आज़माया है,
मतलब निकल जाने के बाद, हमें अजनबी बनकर ठुकराया है।
साथ रहते हैं मेरे साथ मतलब की हद तक
कहीं थक जाओं तो तनहा,रुक जाऊं तो तनहा.
दिखा दी है शीशे ने असलियत झूठे लोगों की बनावटी
चेहरे पहन कर अक्सर जो झूठी दुनिया में घूमते हैं।
शैतान जब इंसान का गुनाह देखता होगा,
खुदको हमसे नेक-ए-दिल समझता होगा,
वो भी बक्श देता है, बेजुबान-ए-निर्दोष जनाब हम
अपने मतलब के लिए बक्शते नहीं किसी को।
दुनिया में सबको दरारों में से झांक ने की आदत है,
दरवाजि खुले रख दो, कोई आस पास भी नहीं दिखेगा
छुपे-छुपे से रेहते हैं सरेआम नही होते कुछ
रिशते सिर्फ अहसास हैं, उनके नाम नही होते
तेरी दोस्ती ने बहुत कुछ सीखा दिया,
मेरी खामोश दुनिया को जैसे हॅसा दिया,
कर्ज़दार हूॅ मैं खुदा का, जिस ने मुझे आप
जैसे दोस्त से मिला दिया…
शीशा और रिशता दोनों हि बङे नाज़ुक होते हैं
दोनों में सिर्फ एक ही फर्क है, शीशा गलती से टूट जाता है
अौर रिशता गलतफहमियों से
मुझे क्या… तुम्हे क्या… हमें क्या…
यही करते करते बस रिशते खत्म हो जाते हैं.
मतलबी रिश्तो की बस इतनी सी कहानी है,
अच्छे वक़्त में मेरी खूबियां और बुरे वक़्त
में मेरी कमियां गिननी है।
Matlabi Rishte Shayari in Hindi
रिश्तों में कभी कभी हाथ छूङाने की ज़रूरत नहीं
पङती, लोग साथ रह कर भी बिछङ जाते हैं.
करीब रहो इतना कि रिश्तों में प्यार रहे,
दूर भी रहो इतना कि आने का इतज़ार रहे, रखो उम्मीद
रिश्तों के दरमियाॅ इतनी, कि टूट जाये उम्मीद
मगर रिश्ते बरकरार रहें।
मुस्कुरा कर देखने में आैर देख कर मुस्कुराने मे
बाहुत फर्क है, मायनों के साथ रिशते बदल देता है.
रूबरू होने की तो छोङिये, लोग गूफ्तगू से भी कतराने लगे हैं…
गुरूर आेढ़े हैं रिश्ते, अपनी हैसियत पर इतराने लगे हैं.
अकसर वही रिश्ते लाजवाब होते है…
जो एहसानों से नही, एहसासों से बने होते हैं.
पल भर लगता है किसी को अपना मानने में
इक उम्र लग जाती है फिर उन्हें जानने में नकाब
अच्छाई का रहता है छिपे हुए चेहरे में देर लग ही जाती है
अक्सर झूठे लोगों को पहचानने में।
सुनो कितना अच्छा होता जो तुम मतलबी होते
और तुम्हें सिर्फ मुझसे ही मतलब होता।।
तमन्ना जो पुर हो ख्वाबों में, हकीक़त बन जाए
तो क्या बात है, कुछ लोग मतलब के लिए ढूंढ़ते है
मुझे, बिन मतलब कोई आये तो क्या बात है.
वक्त अौर अपने…जब दोनों एक साथ चोट पहुंचाए तो
इंसान बाहर से ही नहीं अन्दर से भी पत्थर बन जाता है.
रिश्ते कभी ज़िन्दगी के साथ नहीं चलते,
रिश्ते एक बार बनते हैं, फिर ज़िन्दगी रिश्तों
के साथ चलती है.
Matlabi Rishte Shayari in Hindi
जो थोङी फुरसत मिले दिल की बात कह दीजिये,
बहुत खामोश रिश्ते ज्यादा दिनों तक ज़िंदा नहीं रहते…
जब नाखून बढ़ जाते हैं, तब नाखून ही काटे जाते हैं,
उंगलियॉ नहीं, इसलिए अगर रिश्ते में दरार आ जाए
तो दरार को मिटाइए न कि रिश्ते को
उससे रिश्ता कुछ ऐसे बसर कर रक्खा है…
वो काफिर समझते हैं… मैंने रोज़ा रख रक्खा है…
रिश्तों को खुदगर्जियो से तोला हे कुछ लोगो ने,
अब कोई हाल भी पूछे तो मतलब नज़र आता है!
जरूर एक दिन वो शख्स तड़पेगा हमारे लिए…
अभी तो खुशियाँ बहोत मिल रही है उसे मतलबी लोगो से.
बातें विश्वास और भरोसे की बेमानी सी लगती हैं,
झूठी दुनिया में वफादारी अनजानी सी लगती है.
मुस्कुराहटें चेहरों पर और दिल में फरेब है,
बातों के धनी हैं खाली इनकी जेब है अजीब है ये झूठे
लोग जो इधर-उधर घूमते हैं समझते हैं जिसे ये खासियत
अपनी वही इनका ऐब है।
तुम्हारे होगें चाहने वाले बहुत इस कायनात में,
मगर इस पागल की तो कायनात ही तुम हो..
खून से बने सभी रिश्तो में मेने, निस्वार्थ प्यार ढूंढा
कई बार हर ईंट को जोड़े सीमेंट में छुपा मिले,
“मतलब लाखो हजार“
झूठे लोगों से भरी पड़ी हैं कहानियां यहाँ किताबों में
प्यार से बोल दे कोई तो मेहरबानी सी लगती है।
Matlabi Rishte Shayari in Hindi
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो अब भी जिसे हासिल नहीं हैं हम.
एक रिश्ते में टिकते क्यूॅ नहीं हो इतने सस्ते हो,
फिर बिकते यूॅ नहीं हो प्यार, अदब तहज़ीब, सलीका,
ये ढोंग क्यूॅ, जैसे हो वैसे दिखते यूॅ नहीं हो.
मुझे रिश्ते की लम्बी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स ही काफी है।
रिश्ते वो नहीं जिसमें रोज बात हो…
रिश्ते वो भी नहीं जो हर पल साथ हो…
रिश्ते तो वो होते है, जिसमें कितनी भी दूरी हो
फिर भी दिल में उसकी याद हो
जब रिश्ता नया होता है तो लोग बात करने का
बहाना ढूंढते हैं आैर जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है
तो लोग दूर होने का बहाना ढूंढते हैं।
मतलब से कितने ही रिश्ते बनाने की कोशिश करो
वो रिश्ता कभी नहीं बनेगा आैर प्यार से बने
रिश्ते को तोङने की कितनी भी कोशिश करो
वो रिश्ता कभी नहीं टूटेगा
खुदा से क्या सवाल करे उसने तो ये दिल बनाये
मतलबी तो इंसान को उसकी नियत ने बनाई ।।
मतलबी लोग भी ना जाने कैसे कैसे आपने
मतलब निकल लेते है, अक्सर अपने मतलब के लिए
ये खून के रिश्ते भी भुला देते है !
किसी रिश्ते का अंत तब होता है.. जब एक का हद से
ज्यादा प्यार अौर परवाह दूसरे को बोझ लगने लगता है.
हम कई रिशतों को टूटने से बचा सकते हैं
केवल अपनी सोच में यह छोटा सा बदलाव करके,
कि सामने वाला गलत नहीं है,
सिर्फ हमारी उम्मीद से थोङा अलग है.