Love Quotes on Eyes in Hindi | आँखों के लिए लव कोट्स हिंदी में

Love Quotes on Eyes in Hindi | आँखों पर शायरी इन हिंदी | Two line shayari on eyes in hindi | आँखों पर दो लाइन शायरी | Shayari on eyes in hindi | आँखों के लिए लव कोट्स

Love Quotes on Eyes in Hindi

इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए।

 

तेरी आँखों की तौहीन नहीं तो और क्या है यह,
मैंने देखा तेरे चाहने वाले कल शराब पी रहे थे।

 

जब भी देखूं तो नज़रें चुरा लेती है वो,
मैंने कागज़ पर भी बना के देखी हैं आँखें उसकी।

 

जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।

 

बहुत बेबाक आँखों में ताल्लुक टिक नहीं पाता,
मोहब्बत में कशिश रखने को शर्माना जरूरी है।

 

मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से,
कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे।

 

साकी को गिला है कि उसकी बिकती नहीं शराब,
और एक तेरी आँखें हैं कि होश में आने नहीं देती।

 

सुबह तो हो गई पर ये अभी आँख भारी है,
ख्बाव कोई नशे सा अब तक आँखों में है।

 

एक सी शोखी खुदा ने दी है हुस्नो-इश्क को,
फर्क बस इतना है वो आंखों में है ये दिल में है।

 

अगर कुछ सीखना ही है, तो आँखों को पढ़ना सीख लो,
​वरना ​लफ़्ज़ों के मतलब तो, ​हजारों निकाल लेते है।

 

निगाहों से कत्ल कर दे न हो तकलीफ दोनों को,
तुझे खंजर उठाने की मुझे गर्दन झुकाने की।

 

मस्त आंखों पर घनी पलकों की छाया यूँ थी,
जैसे कि हो मैखाने पर घरघोर घटा छाई हुई।

 

लोग कहते हैं जिन्हें नील कंवल वो तो क़तील,
शब को इन झील सी आँखों में खिला करते है।

 

उस घड़ी देखो उनका आलम नींद से जब हों बोझल आँखें,
कौन मेरी नजर में समाये देखी हैं मैंने तुम्हारी आँखें।

 

उसकी कुदरत देखता हूँ तेरी आँखें देखकर,
दो पियालों में भरी है कैसे लाखों मन शराब।

 

ऐ वाइज़-ए-नादाँ करता है तू एक क़यामत का चर्चा,
यहाँ रोज़ निगाहें मिलती हैं यहाँ रोज़ क़यामत होती है।

 

रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने,
अपनी आँखों को तेरे ख्वाब का लालच देकर।

 

यह मुस्कुराती हुई आँखें जिनमें रक्स करती है बहार,
शफक की, गुल की,बिजलियों की शोखियाँ लिये हुए।

 

कभी बैठा के सामने पूछेंगे तेरी आँखों से,
किसने सिखाया है इन्हें हर दिल में उतर जाना।

 

मिली जब भी नजर उनसे, धड़कता है हमारा दिल,
पुकारे वो उधर हमको, इधर दम क्यों निकलता है।

 

होता है राजे-इश्को-मुहब्बत इन्हीं से फाश,
आँखें जुबाँ नहीं है मगर बेजुबाँ नहीं।

 

उस की आँखों में नज़र आता था सारा जहाँ मुझ को,
अफ़सोस उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा मैंने।

 

खुलते हैं मुझ पे राज कई इस जहान के,
उसकी हसीन आँखों में जब झाँकता हूँ मैं।

 

तुम्हीं कहते थे कि यह मसले नजर मिलने से सुलझेंगे,
नजर की बात है तो फिर यह लब खामोश रहने दो।

 

अदा निगाहों से होता है फर्जे-गोयाई,
जुबां की हद से जब शौके-बयां गुजरता है।

 

क्या कहें, क्या क्या किया, तेरी निगाहों ने सुलूक,
दिल में आईं दिल में ठहरीं दिल में पैकाँ हो गईं।

 

फिर न कीजे मेरी गुस्ताख निगाहों का गिला,
देखिये आपने फिर प्यार से देखा मुझको।

 

बस इक लतीफ तबस्सुम बस इक हसीन नजर,
मरीजे-गम की हालत सुधर तो सकती है।

 

सौ तीर जमाने के इक तीरे नजर तेरा,
अब क्या कोई समझेगा दिल किसका निशाना है?

 

नजर जिसकी तरफ करके निगाहें फेर लेते हो,
कयामत तक उस दिल की परेशानी नहीं जाती।

 

सौ सौ उम्मीदें बंधती है, इक-इक निगाह पर,
मुझको न ऐसे प्यार से देखा करे कोई।

 

इतने सवाल थे मेरे पास कि मेरी उम्र से न सिमट सके,
जितने जवाब थे तेरे पास सभी तेरी एक निगाह में आ गए।

 

कोई दीवाना दौड़ के लिपट न जाये कहीं,
आँखों में आँखें डालकर देखा न कीजिए।

 

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