Khushi Shayari in Hindi | 200+ खुशी की शायरी इन हिंदी
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Khushi Shayari in Hindi
इतनी फ़िक्र तो मेरी भी नहीं करता मेरा दिल
जितनी फ़िक्र तेरी करने लगा है.
हम भी मुस्कराते थे कभी, बेपरवाह अन्दाज़ से….
देखा है आज खुद को, कुछ पुरानी तस्वीरों में !
कास तू इतनी सी मोहब्बत निभा दे…
जब मैं रूठू तो तू मुझे माना ले…
काश तुम पास आयो और गले लगा के कहो
खुस तो मैं भी नहीं हु तुम्हारे बिना…
किस – किस के किस्से पर रोया जाएं यहाँ…
हर शख्स एक उदास कहानी लिए बैठा है…
दिल करता है तेरी साँसों मैं बस जाए
तूम सांस लो और हम महकते जाए..
उठो तो ऐसे उठो कि फिक्र हो बुलंदी को…..
झुको तो ऐसे झुको बंदगी भी नाज़ करें…..
यकीन माने कुछ मर्द अपनी पसंदीदा औरत से निकाह
के लिए अल्लाह के सामने रोते है..
छू ना पाया…मेरे अंदर की…उदासी कोई…..
मेरे चेहरे ने…बहुत अच्छी…अदाकारी की…..
दर्द के मंज़र को अश्कों मैं बहा देते है हम,
महफिल कैसी भी हो थोड़ा मुस्कुरा लेते हैं हम।
दिल करता है तेरी साँसों मैं बस जाए
तूम सांस लो और हम महकते जाए….
तेरे मुस्कुराने 😊 का असर सेहत पे होता है….
और लोग पूछते हैं उस दवा का नाम क्या है….
बदतमीज़,बे-हया, बे-दर्द, बेरहम होता है,
सुन ले ओ बे-खबर इश्क़ फिर भी इश्क़ ही होता है.
मुझे इसका गम नहीं कि बदल गया जमाना।।
मेरी जिंदगी है तुमसे कहीं तुम बदल ना जाना।।
तुम्हारी आँखों के भी अजीब पैमाने है
आंखे जैसे शराबो के मेह्खाने हैं…
लोग पूछते हैं वजह मेरा तुम पर फ़िदा होने की
एक तो अंदाज़ शायराना ऊपर से अदा क़ातिलाना.
जिन्हें नाज़ है अपनी बुलंदियों पर…
उन्हें ढलता हुआ सूरज दिखाया जाये।।
जखम 💘 दिलो के दवा से नही भरते 🙈
इलाज ए महोबबत👫 महोबबत ही। होती है.
कुछ इस तरह से बिछड़ना होता है,
जाने से पहले जाने वाला जा चुका होता हे..
जहाँ दूसरों को समझाना मुशक़ील हो जाये,
वहां खुद को समझा लेना बेहतर होता है…
तुझे लिखते लिखते यूँ ही ज़िंदगी की शाम हो जाये,
तू रहे आबाद मेरे लफ्ज़ो में चाहे जिंदगी ये नीलाम हो जाये..!!
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
यार अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना..!!
Khushi Shayari in Hindi
ज़ालिम दुनिया में ज़रा संभल के रहना मेरे यार….
यहां पलकों पे बिठाया जाता है नज़रों से गिराने के लिए…..
सुन इश्क़ ईमान मान कि तरह होता है….
और ईमान हर किसी पे लाया नहीं जाता……
पहले के जमाने में प्यार एक तरफा होता था,
आज के ज़माने में प्यार चारों तरफा है…!
बड़ी अजीब हैं न हम शायरों की फ़ितरत मिया,
लिखते अपने दिल के हैं, सुन मजे मजलिश लेता है ।
हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो,
लगता है मोहब्बत छोड़ दी तुमने..!!
चेहरे पर सुकून तो बस दिखाने भर का है,
वरना बेचैन तो हर शख्स ज़माने भर का है..!!
गालिब से गिला है मुझे….उसका कहा नहीं हुआ…
हद से भी गुजर कर….मेरा दर्द दवा नहीं हुआ …..
शेर-ओ-सुखन क्या कोई बच्चों का खेल है,
जल जातीं हैं जवानियाँ लफ़्ज़ों की आग में..!!
टूटा है दिल किसको बताऊं मैं_
यहां कोन है अपना जिसको गले लगाऊँ मैं ✨️
खामोशियाँ ही बेहतर है जिंदगी के सफर में
लफ़्ज़ों की मार ने तो कई घर तबाह किये हैं.
फिर उसके बाद मैने कुछ नहीं खोया,
वो मेरी ज़िंदगी का आख़री नुक़सान था!
तू अनजान नही है,तेरी भी मुझे खबर हैं,
तू छुप रहा मुझसे, पर तुझपर मेरी नज़र है।
हम तो वो है जो तेरी बातें सुन कर तेरे हो गए थे,
वो और होंगे जिन्हे मोहब्बत चेहरो से होती हो.
हमारे बीच जमाने को फासला ना लगे…
मैं नाम पूछ लू तेरा अगर बुरा ना लगे…
मिलावट है तेरे इश्क में इतर और शराब की,
कभी हम महेक जाते है कभी हम बहेक जाते हैं…
ना मैं शायर हूँ, न मेरी शायरी में दम हैं,
ज़ज़्बात तो लिखती हूँ,लफ्ज़ लेकिन कम है।
इक ख्वाब देखा मैंने, ख्वाबो में तुम थे
मैं तुम्हे देख रही थी,और तुम कही और गुम थे।
बिखरे अरमान, भीगी पलकें और ये तन्हाई,
कहूँ कैसे कि मिला मोहब्बत में कुछ भी नहीं।