Khamoshi Shayari in Hindi | खामोशी शायरी 2 लाइन 2022
Khamoshi Shayari in Hindi | दिल की खामोशी शायरी हिंदी | Sad Emotional Shayari In Hindi On Khamoshi | खामोशी शायरी 2 लाइन | Khamoshi Shayari in Hindi | बेवजह खामोशी शायरी |
Khamoshi Shayari in Hindi
मुस्कुराहट दिखी पर आँखों की नमी न दिखी ।
दिल दुखाने वालों को कभी अपनी कमी न दिखी।
मुठ्ठी भर शिकायतों से दरारें नहीं पड़ती,
अगर रिश्तों की बनावट में झूठ ना हो !!
गैरों की बातो पर तो अनजान लड़ते है,
वो रिश्ता ही क्या जो दुसरो की बातों के बेहकावे में आ जाए !!
किसीको उजाड़ कर बसे तो क्या बसे,
किसीको रुला कर हसे भी तो क्या हसे !!
छुटे हुए हाथो का छुटना.. अब ओर नही अखड़ता
फर्क पड़ चुका है इतना.. कि अब कोई फर्क नही पड़ता.
किसीको एक पल की भी ख़ुशी देते वक्त,
अपनी तकलीफ की फिकर मत करो !!
खुदख़ुशी करने से मुझे कोई परहेज नहीं है गालीब…
बस शर्त इतनी है फंदा तेरी जुल्फों का हो….!!
अब भी बिखरती होगी ग़ालों पर ज़ुल्फ़े उनकी
अब कोई और उन्हें प्यार से सुलझाता होगा..!
खुद को अपनी नजरों से गिराना छोड़ दो,
जब लोग तुम्हें ना समझे तो उन्हें समझाना छोड़ दो !!
“इश्क़” करो खुद जान जाओगे तुम,
कि “इश्क़” है धोखेबाज खुद “मान” जाओगे तुम…..💕
मेरा ही पागलपन था… जो इस दौर में भी,
तेरी “सुलझी” हुई जुल्फ़ों में “उलझ” गया !!
कितनी अजीब बात है…दूरियां सिखाती है…!
नजदीकियाँ क्या होती है..
चार दिन की ज़िन्दगी में, किससे कतरा कर चलूँ .!
खाक हूँ मैं,खाक पर, क्या खाक इतराकर चलूँ..!!
अफवाहे सुनकर “बदनाम” मत करना,
समझना है तो “मिलकर” बात करना!!
ऐ दिल ! होश में रहा कर ,
कोई भी तोड़ देता है ‘ खुद को महफूज़ रखा कर ! 💔
भटक जाते है लोग अक्सर इश्क की गलियों मे
इस सफर का कोई एक नक्शा तो होना चाहिए।
अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में,
क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया
करते है इस जमाने में…!!
ना जाने कोनसी शिकायतों का हम शिकार हो गए,
जितना दिल साफ रखा उतना गुनहगार हो गए….!!
कभी कभी रिश्तों की किंमत वो समझा देते है,
जिनसे हमारा कोई रिश्ता नहीं होता !!❤️
हुस्न,तलब,मदहोशीयां….क्या क्या लेके आये हो,
फकत दिल ही तो जीतना था आप तो पूरी फौज लेके
आये हो।।😉
बेपरवाह हो जाते है अक्सर वो लोग जिन्हे कोई,
हद से ज्यादा प्यार करने लगता है।
थोड़ी फ़िकर ,थोड़ी कदर कभी कभी खेर खबर ,
इन छोटी छोटी बातों का होता बहुत असर …..!!
दर्द वही, तलब वही , ख्वाब वही..
लोग कहते है 2022 साल नया है…!!
मैंने देखा है उसे गैरों से अतरंगी बातें करते …..
उस दिन से मैंने प्रेम को गंगा में विसर्जित कर दिया .!!
इश्क़ से नशीला कोई नशा नही होता है…..
घुट घुट पीते है और कतरा कतरा मरते है…!!
जर्रा-जर्रा समेट कर खुदको बनाया है मैंने,,,¡¡
मुझसे ये न कहना बहुत मिलेंगे तुम जैसे…!!
लम्हे फुर्सत के आएं तो, रंजिशें भुला देना दोस्तों,
किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है!!
दिल करता है तेरे सीने में दिल बन के रहें…
तुम धड़कनों को संभालो और हम धड़कते रहें..
अब जुदाई के सफ़र को मेरे आसान करो,
तुम मुझे ख़्वाब में आ कर अब न परेशान करो।
दिसंबर भी बीत जाएगा कोशिश-ए-एतबार में..
फिर नए साल की शुरूआत होगी एक तेरे इंतजार मे..