150+ Judai Shayari in Hindi | जुदाई शायरी हिंदी में

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 जब हम किसी से जुदा हम हो जाते हैं तब हम किसी को अपना दुख दर्द नहीं बता पाते हैं। उस समय अपना दुख बांटने के लिए सबसे अच्छा जरिया है। शायरी जिसके द्वारा हम अपना दर्द दूसरों को बता सकते हैं। जुदाई पर शायरी का सबसे अच्छा संग्रह यहाँ उपलब्ध हैं।

Judai Shayari in Hindi

दूरियाँ जब भी बढ़ी तो गलतफहमियां भी बढ़ गयी,
फिर तुमने वो भी सुना जो मैंने कहा ही नही।

 

तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर,
मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा।

 

तू मुझसे दूरियाँ बढ़ाने का शौक पूरा कर,
मेरी भी जिद है तुझे हर दुआ में मागुँगा।

 

कैसे बनाऊँ तेरी यादों से दूरियाँ
दो कदम जाकर सौ कदम लौट आती हूँ।

 

दूरियाँ जब बढ़ी तो, गलतफहमियां भी बढ़ गयी,
फिर तुमने वो भी सुना, जो मैंने कहा ही नही

 

जुदा हुए हैं बहुत से लोग एक तुम भी सही,
अब इतनी सी बात पे क्या जिंदगी हैरान करें।

 

दिल से निकली ही नहीं शाम जुदाई वाली,
तुम तो कहते थे बुरा वक़्त गुज़र जाता है।

 

बिछड़ के तुझसे अजब वहशतों ने घेरा है,
उदास रहता है ये दिल भी जंगलों की तरह।

 

बेवफा वक़्त था? तुम थे? या मुकद्दर था मेरा?
बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला।

 

 

Judai Shayari in Hindi

बोहोत खुश नसीब हूँ मै क्यूंकि,
तेरे सबसे ज़्यादा क़रीब हु मै।

 

तू तो हँस हँसकर जी रहा है जुदा होकर भी,
कैसे जी पाया होगा वो, जिसकी जिंदगी है तू।

 

उनकी तस्वीर को सीने से लगा लेते है,
इस तरह जुदाई का गम उठा लेते है,
किसी तरह ज़िक्र हो जाए उनका,
तो हँस कर भीगी पलकें झुका लेते है।

 

मैं समझा था कि लौट आते हैं जाने वाले,
तू ने जाकर तो जुदाई मेरी क़िस्मत कर दी।

 

अब के कुछ सोच के मुझे खुद से जुदा करना,
जिंदगी ज़ुल्फ़ नहीं जो फिर संवर जाएगी।

 

 

इतना बेताब न हो मुझसे बिछड़ने के लिए,
तुझे आँखों से नहीं मेरे दिल से जुदा होना है।

 

यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ पर,
इस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ।

 

हमने प्यार नहीं इश्क नहीं इबादत की है,
रस्मों से रिवाजों से बगावत की है,
माँगा था हमने जिसे अपनी दुआओं में,
उसी ने मुझसे जुदा होने की चाहत की है।

 

बहुत भीड़ है इस मोहब्बत के शहर में,
एक बार जो बिछड़ा वो दोबारा नहीं मिलता।

 

जुदा किसी से किसी का ग़रज़ हबीब न हो,
ये दाग वो है कि दुश्मन को भी नसीब न हो।

 

Judai Shayari In Hindi For Girlfriend

Judai Shayari in Hindi

याद में तेरी आँहें भरता है कोई,
हर सांस के साथ तुझे याद करता है कोई,
मौत तो सचाई है आनी ही है,
लेकिन तेरी जुदाई में हर रोज़ मरता है कोई।

 

तुम नाराज हो जाओ रूठो या खफा हो जाओ,
पर बात इतनी भी ना बिगाड़ो कि जुदा हो जाओ।

 

जिसकी आँखों में कटी थी सदियाँ,
उसने सदियों की जुदाई दी है।

 

हौंसला तुझमें न था मुझसे जुदा होने का,
वरना काजल तेरी आँखों का न यूँ फैला होता।

 

जब तक मिले न थे जुदाई का था मलाल,
अब ये मलाल है कि तमन्ना निकल गई।

 

 Judai Shayari in Hindi

किसी से जुदा होना इतना आसान होता तो,
जिस्म से रूह को लेने फ़रिश्ते नहीं आते।

 

जिस जिस ने मुहब्बत में,
अपने महबूब को खुदा किया,
खुदा ने अपने वजूद को बचाने के लिए,
उनको जुदा किया।

 

कह के आ गए उनसे कि जी लेंगे तुम्हारी बिन,
उनके जुदा होते ही जान पे बन आई है।

 

थोड़ी दूरियाँ भी ज़रूरी है, ज़िन्दगी में,
किसी के इतने करीब भी न जाओ,
की वो दूर चला जाये.

 

दूरियां अच्छी लगने लगी है अब मुझे,
जबरदस्ती के प्यार से अब मन थक चूका है।

 

 

Judai Shayari in Hindi

ये दूरी हमसे अब और सही नहीं जाती,
बस तेरे पास आने को मेरा जी चाहता है,
तोड़कर सारी दुनिया की रस्मो – रिवाजों को,
तुझे अपना बनाने को जी चाहता है ।

 

कौन कहता है कि दूरियाँ, मिलों में नापी जाती हैं,
कभी खुद से मिलने में भी उम्र गुज़र जाती है।

 

बहुत दूर मगर बहुत पास रहते हो,
नजरों से दूर मगर दिल के पास रहते हो,
मुझे बस इतना बता दो ऐ सनम,
क्या तुम भी मेरे बिना उदास रहते हो।

 

कभी कभी मिटते नही, चंद लम्हों के फांसले,
एहसास अगर जिन्दा हो, मिट जाती हैं दूरियाँ।

 

खुद के लिए एक सज़ा चुन ली मैंने..
तेरी खुशियों की खातिर तुझसे दूरियां
चुन ला मैने।

 

 

हर आशिक अपने महबूब के साथ होता,
परिंदा बनना अगर इंसान के हाथ होता.

 

माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गई है लेकिन,
तेरे हिस्से का वक्त आज भी तन्हा ही गुजरता है.

 

दूर रहकर भी तुम्हारी हर, खबर रखते है,
हम पास तुम्हे कुछ, इस कदर रखते है.

Judai Shayari in Hindi

तेरा मेरा दिल का रिश्ता भी अजीब है,
मीलों की दूरियां है और, धड़कन कितना करीब है.

 

वो क़रीब बहुत है, मगर दूरियों के साथ…
हम दोनों जी तो रहे हैं। मगर मजबूरियों के साथ !

 

तुम दूर हो तो क्या हुआ, दिल में है यादें तुम्हारी,
ये दूरिया खुद मिट जाएँगी, जब आएगी तुम्हे याद हमारी।

 

हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों है?
अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें।

 

मन की दूरियां कुछ बढ़ सी गयी हैं
लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है।

 

दरियों का ग़म नहीं, अगर फ़ासले दिल में न हो,
नज़दीकियां बेकार है,अगर जगह दिल में ना हो।

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