तो कैसे है दोस्तों.! आज के इस पोस्ट में हर्ट शायरी और स्टेटस हिंदी में “Hurt Shayari in Hindi“ का बहुत ही बेहतरीन कलेक्शन लेकर आये हैं। जो अपने BF या Gf के लिए “Hurt Shayari in Hindi” ढूंढ रहे हैं।
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Hurt Shayari in Hindi
अब सोच रहे हैं सीख ही ले हम भी बेरुखी करना,
मोहब्बत देते दते सबको हमने अपनी ही कद्र खो दी।
हम जा रहे हैं बहां जहाँ दिल की हो कदर,
बैठे रहो तुम अपनी अदाएं लिए हुए।
नजर-अंदाज़ करते हो लो हट जाते हैं नजरो से,
इन्हीं नजरों से ढूढ़ोगे नजर जब हम न आएंगे।
शाख से तोड़े हुए फूल ने हंस कर ये कहा,
अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में।
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हे फिर इनकी जरुरत पड़ेगी।
बस तुम्हें पाने की तमन्ना नहीं रही,
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करते हैं।
हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।
मोहब्बत की मिसाल में बस इतना ही कहूँगा।
बेमिसाल सज़ा है किसी बेगुनाह के लिए।
दिए हैं ज़ख्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी जात पे एहसान अपना।
Hurt Shayari in Hindi
सुना है उस को मोहब्बत दुआएँ देती है,
जो दिल पे ज़ख्म तो खाए मगर गिला न करे।
चुप हैं किसी सब्र से तो पत्थर न समझ हमें,
दिल पे असर हुआ है तेरी बात-बात का।
मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,
कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।
ना ज़ख्म भरे… ना शराब सहारा हुई…
ना वो वापस लौटे ना मोहब्बत दोबारा हुई।
तू भी औरों की तरह मुझसे किनारा कर ले,
सारी दुनिया से बुरा हूँ तेरे काम का नहीं।
कद्र हर शाये कि हुआ करती है खो जाने पर,
तुम उन्हें याद करोगे जो अभी तुम्हे याद नहीं।
दिए हैं ज़ख्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी ज़ात पे एहसान अपना।
मोहब्बत की तारीफ में बस इतना ही कहूँगा,
बेमिसाल सजा है किसी बेगुनाह के लिए।
मेरी चाहत को मेरे हालात के तराजू में न तौल,
मैंने वो ज़ख्म भी खाए हैं जो मेरी किस्मत में नहीं थे।
Hurt Shayari in Hindi
वो एक बात बहुत तलख कही थी उसने,
बात तो याद नहीं याद है लहेजा उसका।
चले जायेंगे तुझे तेरे हाल पर छोड़ कर,
कदर क्या होती है ये तुझे वक़्त सिखा देगा।
हसना ही तन्ज़ है तो हसने का क्या तकल्लुफ,
क्यूँ ज़हर दे रहे हो मोहब्बत मिला मिला कर।
मुझे यकीन है मोहब्बत उसको कहते हैं,
कि ज़ख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।
नमक तुम हाथ में लेकर सितमगर सोचते क्या हो,
हजारो ज़ख्म हैं दिल पर जहाँ चाहो छिड़क डालो।
रंजिश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ।
ज़ख्म देने का तरीका कोई न मिला उन्हें,
महफ़िल में छेड़ते रहे ज़िक्र-ए-वफा बार-बार।
तूने हसीन चेहरों को उदास किया है ऐ इश्क़,
अगर तू इंसान होता तो तेरा कातिल मैं होता।
आकर जरा देख तेरी खातिर हम किस तरह से जिए,
आँसू के धागे से सीते रहे हम जो जख्म तूने दिए।
Hurt Shayari in Hindi Font
तेरे मिलने का गुमान तेरे न मिलने की खलिश,
वक़्त गुजरेगा तो ज़ख्म भी भर जायेंगे।
कुरेद-कुरेद कर बड़े जतन से हमने रखे हैं हरे,
कौन चाहता है कि उनका दिया कोई ज़ख्म भरे।
मैं उसके चेहरे को दिल से उतार देता हूँ,
कभी-कभी तो मैं खुद को भी मार देता हूँ।
एहसान किसी का वो रखते नहीं मेरा भी चुका दिया,
जितना खाया था नमक मेरा जख्मों पे लगा दिया।
नए जख्म के लिए तैयार हो जा ए-दिल
कुछ लोग बहुत प्यार से पेश आ रहे हैं।
एहसान वो किसी का रखते नहीं,मेरा भी चुका दिया,
जितना खाया था नमक मेरा,मेरे जख्मों पर लगा दिया।
अश्क आँखों से दिल से बद्दुआ निकली,
सितम किया याद जब कभी सितमगर का।
दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी ज़ात पे एहसान अपना।
वो एक बात बहुत तल्ख़ कही थी उसने,
बात तो याद नहीं याद है लहज़ा उसका।
एक ये ख्वाहिश के कोई जख्म ना देखे दिल का,
एक ये हसरत के कोई देखने वाला तो होता।
Hurt Shayari in Hindi 2023
उस ने हमारे ज़ख्म का कुछ यूँ किया इलाज़,
मरहम भी ग़र लगाया तो काँटों की नोंक से।
तहज़ीब में भी उसकी क्या ख़ूब अदा थी,
नमक भी अदा किया तो ज़ख़्मों पर छिड़क कर।
बस तुम्हेँ पाने की तमन्ना नहीं रही,
मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार करते हैं।
दिए हैं ज़ख़्म तो मरहम का तकल्लुफ न करो,
कुछ तो रहने दो मेरी ज़ात पे एहसान अपना।
मैं उसके चेहरे को दिल से उतार देता हूँ,
मैं कभी कभी तो खुद को भी मार देता हूँ।
मेरी चाहत को मेरी हालत की तराजू में ना तोल,
मैंने वो ज़ख्म भी खाये जो मेरी किस्मत में नहीं थे।
तुम लौट के आने का तकल्लुफ मत करना,
हम एक मोहब्बत को दो बार नहीं करते।
नमक भर कर मेरे ज़ख्मों में तुम क्या मुस्कुराते हो,
मेरे ज़ख्मों को देखो मुस्कुराना इस को कहते हैं।
हर्फ़-हर्फ़ इस कदर था तल्खियों से भरा,
आखिरी ख़त तेरा दीमक से भी खाया ना गया।