Gam Shayari in Hindi | 500+ गम भरी शायरी हिंदी में.
Gam Shayari in Hindi :- दोस्तों जिंदगी में आपने भी कभी न कभी गम/दर्द का अनुभव किया ही होगा। लेकिन किसी के प्यार में मिलने वाला दर्द अलग ही होता है, इश्क़ जितना हँसाता है उससे कई गुना ज्यादा रुलाता भी है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको यही दिखाना चाहते हैं की इश्क़/बेवफ़ाई में कितना दर्द होता है।
आप यहाँ पर दी गयी प्रत्येक शायरी से निश्चित रूप से खुद को जोड़ पाएंगे। यहां आप Gam Shayari in Hindi का विशाल संग्रह पाएंगे आप इन गम भरी शायरी को अपने दोस्तों के साथ व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर शेयर कर सकते हैं।
Gam Shayari in Hindi
अगर वो पूछ लें हमसे कहो किस बात का ग़म है,
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ लें हमसे।
मेरे ग़म ने होश उनके भी खो दिए,
वो समझाते समझाते खुद ही रो दिए।
झूठ कहते हैं लोग कि मोहब्बत सब छीन लेती है,
मैंने तो मोहब्बत करके ग़म का खजाना पा लिया।
आज कल मेरी कमी भी उसे सताती नहीं,
लगता है किसी और ने पूरी करदी है…
शिकायत क्या करूँ दोनों तरफ ग़म का फसाना है,
मेरे आगे मोहब्बत है तेरे आगे ज़माना है।
याद-ए-गम दिल से कभी जाती नहीं,
अब तो भूले से भी हँसी आती नहीं।
क्या जाने किसको किससे है अब दाद की तलब,
वह ग़म जो मेरे दिल में है तेरी नज़र में है।
यह गम के दिन भी गुजर जायेंगे यूं ही,
जैसे वह राहतों के जमाने गुजर गए।
माना कि तुझको मै हासिल ना कर सका,
मोहब्बत थी तुझसे बयां ना कर सका,
लेकिन किसी को पा लेना ही मोहब्बत नहीं होता,
चाहे मै तेरे काबिल ना रहे सका।
खुश्क आँखों से भी अश्कों की महक आती है,
मैं तेरे गम को ज़माने से छुपाऊं कैसे।
Gam Shayari in Hindi
आया था एक शख्स मेरा दर्द बाँटने,
रुखसत हुआ तो अपना भी गम दे गया मुझे।
इलाही उनके हिस्से का भी गम मुझको अता कर दे,
कि उन मासूम आँखों में नमी देखी नहीं जाती।
कुछ ग़मों का होना भी जरूरी है ज़िंदगी में,
ज़िंदा होने का अहसास बना रहता है।
शिकायत क्या करूँ दोनों तरफ ग़म का फसाना है,
मेरे आगे मोहब्बत है तेरे आगे ज़माना है,
पुकारा है तुझे मंजिल ने लेकिन मैं कहाँ जाऊं,
बिछड़ कर तेरी दुनिया से कहाँ मेरा ठिकाना है।
वो नहीं तो मौत सही, मौत नहीं तो नींद सही,
कोई तो आए शब-ए-ग़म का मुकद्दर बन कर।
हर ग़म से वास्ता रहा है हमारा साहब,
इलाज हम से बेहतर हकीम क्या बतायेंगे।
जिसे गुजरे दिन के ग़म से नहीं फुर्सत,
उसको नए साल की मुबारकबाद क्या देना।
दुनिया भी मिली गम-ए-दुनिया भी मिली है,
वो क्यूँ नहीं मिलता जिसे माँगा था खुदा से।
सुन कर तमाम रात मेरी दस्ताने-ग़म,
वो मुस्कुरा के बोली बहुत बोलते हो तुम।
इस से बढ़कर दोस्त कोई दूसरा होता नहीं,
सब जुदा हो जायें लेकिन ग़म जुदा होता नहीं।
Gam Shayari in Hindi
इतना भी करम उनका कोई कम तो नहीं है,
ग़म दे के वो पूछते हैं कोई ग़म तो नहीं है?
ऐसा नहीं के तेरे बाद अहल-ए-करम नहीं मिले,
तुझ सा नहीं मिला कोई, लोग तो कम नहीं मिले,
एक तेरी जुदाई के दर्द की बात और है,
जिनको न सह सके ये दिल, ऐसे तो ग़म नहीं मिले।
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहें,
यूँ ही कब तलक खुदाया गमे-ज़िंदगी निबाहें।
हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं,
हम इसी वास्ते अब हर शख्स से कम मिलते हैं।
ग़म किस को नहीं तुझको भी है मुझको भी है,
चाहत किसी एक की तुझको भी है मुझको भी है।
तेरे हाथ से मेरे हाथ तक का जो फासला था,
उसे नापते उसे काटते मेरी सारी उमर गुजर गयी।
रहा यूँ ही नामुकम्मल ग़म-ए-इश्क का फसाना,
कभी मुझको नींद आई कभी सो गया ज़माना।
घुटन सी होने लगी है इश्क़ जताते हुए,
मैं खुद से रूठ गया हूँ तुम्हें मनाते हुए।
गहरी रात भी थी हम डर भी सकते थे,
हम जो कहे ना सके वो कर भी सकते थे,
तुम ने साथ छोड़ दिया हमारा ये भी ना सोचा,
हम पागल थे तेरे लिए मर भी सकते थे।
तुझको पा कर भी न कम हो सकी बेताबी दिल की,
इतना आसान तेरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं।
Gam Shayari in Hindi
तू नाराज न रहा कर तुझे वास्ता है खुदा का,
एक तेरा चेहरा देख हम अपना गम भुलाते है।
शुक्रिया तेरा मुझे मेरी औकात बताने के लिए..
प्यार को खेल और मुझे मजाक बनाने के लिए।
ग़म-ए-हयात परेशान न कर सकेगा मुझे,
कि आ गया है हुनर मुझ को मुस्कुराने का।
तुम्हें पा लेते तो किस्सा कब का खत्म हो जाता,
तुम्हें खोया है तो यकीनन कहानी लम्बी चलेगी।
अब तो मेरी आँख में एक अश्क भी नहीं,
पहले की बात और थी ग़म था नया नया।
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है…
सुलगती ज़िन्दगी से मौत आ जाए तो बेहतर है,
हमसे दिल के अरमानों का अब मातम नहीं होता।
शायद खुशी का दौर भी आ जाए एक दिन,
ग़म भी तो मिल गये थे तमन्ना किये बगैर।
हर हाल में हँसने का हुनर पास था जिनके,
वो रोने लगे हैं तो कोई बात तो होगी।
Gam Shayari in Hindi
खुशियों की चाह थी वहां बे-हिसाब ग़म निकले,
बेवफा तू नहीं सनम बद-नसीब तो हम निकले।
कौन अंदाजा मेरे ग़म का लगा सकता है,
कौन सही राह दिखा सकता है,
किनारे वालो तुम उसका दर्द क्या जानो,
डूबने वाला ही गहराई बता सकता है।
एक किरन भी तो नहीं ग़म की अंधेरी रात में,
कोई जुगनू कोई तारा कोई आँसू कुछ तो होता।
इस कायनाते–ग़म में खुशियाँ कहाँ मयस्सर,
दीवाना ढूँढ़ते हैं सहरा में आबो–दाना।
क्या जरूरत क्यों जफाएं बागबां तेरी सहें,
जा तुझे गुलशन मुबारक मुझको वीराने बहुत।
सुकून न दे सकीं राहतें ज़माने भर की,
जो नींद आई तेरे ग़म की छाँव में आई।
रखे हैं दिल में हमने बड़े एहतराम से,
जो ग़म दिए हैं तुमने मोहब्बत के नाम से।
मोहब्बत कि ज़ंज़ीर से डर लगता है,
कुछ अपनी तकलीफ से डर लगता है,
जो मुझे तुजसे जुदा करते है,
हाथ कि वो लकीरो से डर लगता है….
ऐ ज़ब्त-ए-इश्क़ और ना ले इम्तिहान-ए-ग़म,
मैं रो रहा हूँ नाम किसी का लिये बगैर।
अब तू ही कोई मेरे ग़म का इलाज कर दे,
तेरा ग़म है तेरे कहने से चला जायेगा।
कौन रोता है किसी और की खातिर ऐ दोस्त,
सबको अपनी ही किसी बात पे रोना आया।