Gajab Love Shayari in Hindi | 500+ गजब लव शायरी

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Gajab Love Shayari in Hindi

वो चाँद जिसे दिल-ओ-जान से चाहते थे लोग…
तमाशा देखिए… उसे एक दाग की वज़ह से अकेला छोडा गया है…!!

 

फासला इश्क़ की शिद्दत को बढ़ा देता है…
इसलिए रब ने मुझे तुझसे दूर रखा है…

 

मैं हँस देता हूँ अब लोगों के इश्क़ वाले किस्से सुनकर…
मुझे चुभती हैं… उम्र भर साथ रहनें की बातें बगैरह…!!

 

इस दौर में इंसान का चेहरा नहीं मिलता,
कब से मैं नक़ाबों की तहें खोल रहा हूँ।

 

किस बात से शुरू की जाए… बात समझ नहीं आती…
ये वो दौर है तारीफें भी हक़ीक़त नहीं होती…!!

 

किस उम्मीद में बर्बाद हुआ मैं… क्या कहूँ…
मैनें नज़रअंदाज़ होनें को दिल्लगी समझा…!!

 

शाम हो औऱ उसकी याद ना आए… कहाँ मुमकिन है…
एक चाय ही तो है… जिसनें अभी तलक वफ़ादारी निभाई है…!!

 

पनाह माँगकर जब थक गया राही…
सुकून के लिए… मौत के दुआ माँगने लग गया….!!

 

मेरा शहर से मुझे मोहब्बत इस क़दर है… कि…
हर गली मुझे … माशूक़ सी लगा करती है…!!

 

बहुत मसरूफ़ रहनें लगे हैं वो… अपनें मस-अलों में…
पर हमें ख़बर है… कि ये मसरूफ़ियत है या… नज़रअंदाज़ी…!!

 

Gajab Love Shayari in Hindi

मेरी दुवाओं में इतना असर नहीं शायद…
वर्ना तो…ख़ुदा भी सुना है तकलीफें काट देता है….

 

मैं संभल के चलता ज़रुर इस सफ़र में…
मग़र अच्छा लगता है कि वो मेरा ख़याल करे…!!

 

मेरा जो है… वो है…
किसी के माननें न माननें से मुझे फर्क़ नहीं पड़ता…!!

 

कोई तैयार नहीं है उसके ख़िलाफ़ गवाही के लिए…
जबकि हर ओर घायल बैठे हैं लोग… उसकी वज़ह से…!!

 

तुम हमारे लिए एक समीन हो मोहतरमा
जैसे किसी मुसाफ़िर के लिए सजर की छाया..

 

जिस दिन सादगी श्रृंगार हो जाएगी…..
यकिन मानिये उस दिन आइने की हार हो जाएगी…!!

 

उसे पाना ख़ाब न कहें तो क्या कहें… आप ही कहें…
वो मुझे डाँटनें के बाद थकनें का ड्रामा करती है…!!

जब अंजाम तय हो… पर कसमकश बना हो…
ज़िन्दगी… तब हर पल लड़कर जीनें का सुकून देती है…!!

 

सबकुछ जानना भी अच्छी बात नहीं…
फर्क़ न पड़ते पड़ते… फर्क़ पड़ने लगता है…!!

 

हम औऱ वो दोनों… शौख रखते हैं शायरी का अब…
हम पागलपनें की वज़ह से… वो हमारी वज़ह से…!!

 

ज़हन से बीमार लोग हैं…
हस्पतालों की भीड़ से… इनका कोई वास्ता नहीं है…!!

 

मैनें नए तरीके से मुलाक़ात की आज…
जब शाम हुई… और रहा नहीं गया…
तो हवाओं में घुलकर उनसे मिल आये…!!

 

पेड़ के काटने वालों को ये मालूम तो था…
जिस्म जल जाएँगे जब सर पर साया न होगा…!!

 

खुश किस्मत होते है वो जो तलाश बनते है किसीकी,
वरना पसंद तो कोई भी किसीको भी कर लेता है !!

 

ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते…
कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर… !!

 

नज़रिया बदल के देख, हर तरफ नज़राने मिलेंगे ..
ऐ ज़िन्दगी यहाँ तेरी तकलीफों के भी दीवाने मिलेंगे !

 

जिंदगी तु ही बता कैसे तुजे मैं प्यार करु,
तेरी हर ऐक सुबह मेरी उम्र कम कर देती है !!

 

मोहब्बत और “मयकशी” में हिसाब नहीं देखे जाते…
जहाँ “दिल के नाते”हो वहां अदब-ओ-आदाब नहीं देखे जाते..

 

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जायेगा…
इतना मत चाहो उसे वो बे-वफ़ा हो जायेगा…!!

 

कुछ चीजों को कितनी भी शिद्दत से चाहो,
वो सिर्फ हसरत की तरह ही रह जाती है।

 

मेरे दिल की हर धड़कन पर तेरी ही हुकूमत हो,
मेरे इश्क की सारी राहें तुम से तुम तक हो।।

 

तुमने ही बदले हैं सिलसिले अपनी वफाओं के,
वरना मुझे तो आज भी तुमसे अजीज कोई नही.

 

चंद लफ़्ज़ों के तक़ल्लुफ़ में ये इश्क़ रुका हुआ है….!!
वो इक़रार पे रुके है और हम इंतज़ार पे….!!

 

आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ |

 

तेरा ख़याल तेरी तलब और तेरी आरज़ू,
इक भीड़ सी लगी है मेरे दिल के शहर में।

 

दिलों पर तो लोग बेवजह इल्जाम लगाते है,
इल्जाम तो उनपे लगाओ जो आधे में ही छोड़ जाते।।

 

रिश्तों की धूप थी – शाम हुई और ढल गई
अब उससे क्या गिला – वो अगर भूल गई🥀

 

अब रिहा कर दो साहब अपने खयालों से मुझे…!!
लोग सवाल करने लगे हैं कि कहाँ रहते हो आज कल…!!

 

आवाज सुनते ही आसुंओ ने खुदखुशी कर ली….
जब उसने फोन पर कहा भूल गये हो क्या हमें…. ?

 

कई रात गुजारी है केवल इन हिसाबो में..कि
उसे मोहब्बत थी ? नहीं थी ? कुछ था ? या नहीं था…

 

क्या लिखुँ अल्फाज कोई तुम्हारे लिए,
बस इतना समझ लो गजल की जान हो तुम❤️

 

वो आँखें जिन से मुलाक़ात इक बहाना हुआ…
उन्हें ख़बर ही नहीं कौन कब निशाना हुआ…

 

दिलफरेब प्रेमिकाएं उस साहूकार की तरह है जिससे मिलेगा कुछ नहीं,
लेकिन वो सूद समेत वसूलेगी बहुत कुछ !

 

मैं भूल गया अब उसे, अब वे याद नहीं है हमें….
बस यही झूठ हम अपने आपसे रोज बोलते हैं….

 

गलतियाँ कीजिये, वो तो सबसे होती हैं,
पर कभी भी किसी के साथ गलत मत कीजिए..!!

 

जरा सी दोस्ती कर ले जरा सा हम नशीं बन जा,
थोडा तो साथ दे मेरा फिर चाहें अजनबी बन जा।

 

कभी यूँ भी हो इश्क़ की बाज़ी पलट जाये कुछ ऐसे ,,
वो गिने आकाश के तारे और सुकून से मैं सो जाऊँ !!

 

दुआएं टकरा रही है दुआओं से
कोई मिलने की दुआ मांग रहा है कोई भूलने की 🥺

 

रिश्तों की धूप थी – शाम हुई और ढल गई
अब उससे क्या गिला – वो अगर भूल गई🥀

 

अब रिहा कर दो साहब अपने खयालों से मुझे…!!
लोग सवाल करने लगे हैं कि कहाँ रहते हो आज कल…!!

 

निकला है जनाजा तब हार चढ़ाने आई है,
बेवफा मेरे मरने के बाद प्यार जताने आई है।

 

कुछ अनकहे लफ़्ज़ों को कुचलकर निकलती हैं,
ये दूरियां भी रोज कातिल बनकर निकलती हैं।

 

तेरे नाम के धागे भी खोल दिए हैं हमने…!!
बन्धनो में इश्क़ अच्छा नहीं लगता हमें..!!

 

तुम्हारी याद में आँसू बहाना यूँ भी जरूरी है,
रुके दरिया के पानी को तो प्यासा भी नहीं छूता।

 

❝समझदार ही करते है अक्सर गलतिया,
कभी देखा है किसी पागल को मोहब्बत करते।❜❜