Dhoka Shayari In Hindi | 250+ प्यार में धोखा शायरी हिंदी

 Dhoka Shayari In Hindi | विश्वास में धोखा देने वाली शायरी | dhoka shayari in hindi for boyfriend | प्यार में धोखा बेवफा शायरी | dhoka shayari in hindi text |प्यार में धोखा खाई हुई शायरी 2022.

Dhoka Shayari In Hindi 2021

साथ में गुजारी हर वो, शाम भूल गए, मोहब्बत वाली बातें,
तमाम भूल गए, कायनात में कायम,
बहुत कम ही रहते हैं अपने वादे पे,
फिर भी, गिला यही है कि तुम मेरा, नाम भूल गए.

 

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना,
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये,
क्या पता कल तुम लौटकर आओ,
और हम खामोश हो जाएँ.

 

चिंता इतनी कीजिए​ की काम हो जाए​,
पर​ ​इतनी नही की​ जिंदगी तमाम हो जाए​,
मालूम सबको है कि जिंदगी बेहाल है,​
लोग फिर भी पूछते हैं और सुनाओ क्या हाल है।

 

रास्ता ऐसा भी दुशवार न था,
बस उसको हमारी चाहत पे ऐतबार न था,
वो चल न सकी हमारे साथ वरना,
हमे तो जान देने से भी इनकार न था.

 

लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं,
किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं,
दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गए अलविदा,
लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है।

 

हम भूल जाये ऐसी दिल की हसरत कहाँ,
वो याद करे हमे इतनी उसे फुर्सत कहाँ,
जिनके चारो तरफ हो अपनों का साथ,
उन्हें हमारी जरुरत कहाँ.

 

Pyar Me Dhokha Shayari in Hindi

चाहत की राह में बिखरे अरमान बहुत हैं,
हम उसकी याद में परेशान बहुत हैं,
वह हर बार दिल तोड़ते है ये कह कर कि,
मेरी उम्मीदों की दुनिया में अभी मुकाम बहुत हैं।

इस तरह मिली वो मुझे सालों के बाद,
जैसे हक़ीक़त मिली हो ख्यालों के बाद,
मैं पूछता रहा उस से ख़तायें अपनी,
वो बहुत रोई मेरे सवालों के बाद।

 

चले जायेंगे मगर यादें सुहानी छोड़ जायेंगे,
आपके दिल में अपनी निशानी छोड़ जायेंगे,
कभी रोअगे तो कभी मुस्कुराओगे,
हम इश्क़ की ऐसी कहानी छोड़ जायेंगे।

 

सारी उम्र आँखों में एक सपना याद रहा,
सदियाँ बीत गयी पर वो लम्हा याद रहा,
ना जाने क्या बात थी उनमे और हम में,
सारी महफ़िल भूल गए बस वो चेहरा याद रहा।

 

वक़्त बदला और बदली कहानी है;
संग मेरे हसीन पलों की यादें पुरानी हैं;
ना लगाओ मरहम मेरे ज़ख्मों पर;
मेरे पास उनकी बस यही एक बाकी निशानी है।

 

मेरी यादें मेरा चेहरा मेरी बातें रुलायेंगी,
हिज्र के दौर में गुजरी मुलाकातें रुलायेंगी,
दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानो में,
जहां तन्हा मिलोगे तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।

 

तेरे हसीन तस्सवुर का आसरा लेकर;
दुखों के काँटे में सारे समेट लेता हूँ;
तुम्हारा नाम ही काफी है राहत-ए-जान को;
जिससे ग़मों की तेज़ हवाओं को मोड़ देता हूँ।

 

रोज साहिल से समंदर का नजारा न करो,
अपनी सूरत को शबो-रोज निहारा न करो,
आओ देखो मेरी नजरों में उतर कर खुद को,
आइना हूँ मैं तेरा मुझसे किनारा न करो।

 

टूटे हुए पैमाने में कभी जाम नहीं आता;
इश्क़ के मरीज़ों को कभी आराम नहीं आता;
ऐ दिल तोड़ने वाले तुमने यह नहीं सोचा;
कि टूटा हुआ दिल कभी किसी के काम नहीं आता।

 

Pyar Me Dhokha Shayari in Hindi

तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूँ;
उदास रात की तन्हाई में सो लूँ;
अकेले ग़म का बोझ अब संभलता नहीं;
अगर तू मिल जाये तो तुझसे लिपट कर रो लूँ।

 

आशियाँ बस गया जिनका, उन्हें आबाद रहने दो,
पड़े जो दर्द भरे छाले, जिगर में यूँ ही रहने दो,
कुरेदो ना मेरे दिल को, ये अर्जी है जहां वालों,
छिपा है राज अब तक जो, राज को राज रहने दो।

 

जिदगी एक सजा सी हो गई हैं…
गम के सागर मे इस कदर खो गई है…
तुम आ जाओ वापिस यह गुजारिश है मेरी …
शायद मुझे तुम्हारी आदत सी हो गई है..

 

दर्द से हम अब खेलना सीख गए;
बेवफाई के साथ अब हम जीना सीख गए;
क्या बतायें किस कदर दिल टूटा है हमारा;
मौत से पहले हम कफ़न ओढ़ कर सोना सीख गए।

 

ना हम रहे दिल लगाने के काबिल;
ना दिल रहा ग़म उठाने के काबिल;
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर;
ना छोड़ा उसने फिर मुस्कुराने के काबिल।

 

मेरे प्यार को वो समझ नहीं पाया;
रोते थे जब बैठ तनहा तो कोई पास नहीं आया;
मिटा दिया खुद को किसी के प्यार में;
तो भी लोग कहते हैं कि मुझे प्यार करना नहीं आया।

जब भी करीब आता हूँ बताने के लिए;
जिंदगी दूर कर देती है सताने के लिए;
महफ़िलों की शान न समझना मुझे;
मैं तो अक्सर हँसता हूँ गम छुपाने के लिए।

 

साँसों का रुक जाना ही मरना नहीं है,
हर वो व्यक्ति मरा हुआ है जो सही को सही
और गलत को गलत नहीं बोल सकता !!

 

दिल से खेलना हमें आता नहीं,
इसलिए इश्क की बाज़ी हम हार गए;
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें,
इसलिए जिंदा ही मुझे वो मार गए।

 

गुज़रते लम्हों में सदियाँ तलाश करतl हूँ;
ये मेरी प्यास है,नदियाँ तलाश करतl हूँ;
यहाँ लोग गिनाते है खूबियां अपनी;
मैं अपने आप में खामियां तलाश करतl हूँ!

 

जी भरके रोते हैं तो करार मिलता है;
इस जहान में कहाँ सबको प्यार मिलता है;
जिंदगी गुजर जाती है इम्तिहानों के दौर से;
एक जख्म भरता है तो दूसरा तैयार मिलता है।

अजीब था उनका अलविदा कहना,
सुना कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
बर्बाद हुवे उनकी मोहब्बत में,
की लुटा कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीँ!

 

रोने की सज़ा न रुलाने की सज़ा है;
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सज़ा है;
हँसते हैं तो आँखों से निकल आते हैं आँसू;
ये उस शख्स से दिल लगाने की सज़ा है।

 

हर सितम सह कर कितने गम छिपाए हमने;
तेरी ख़ातिर हर दिन आँसू बहाए हमने;
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला;
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने।

 

धड़कन बिना दिल का मतलब ही क्या;
रौशनी के बिना दिये का मतलब ही क्या;
क्यों कहते हैं लोग कि मोहब्बत न कर दर्द मिलता है;
वो क्या जाने कि दर्द बिना मोहब्बत का मतलब ही क्या।

 

हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।