कैसे है दोस्तों आज के इस पोस्ट में चाँद शायरी हिंदी में (Chand Shayari in Hindi) प्रस्तुत कर रहे है। जिसमे आपको Chand Shayari, Chand Shayari Ghalib चाँद पर शेरो शायरी मिलेगी।
जिन्हें आप इन्टरनेट के द्वारा (Chand Shayari in Hind) चाँद की खूबसूरती शायरी या चंद्रमा शायरी को For Girlfriend, चाँद शायरी हिंदी में, अपने Friends एवं अपने Relatives को Share कर सकते है।
Chand Shayari in Hindi
बुझ गये ग़म की हवा से, प्यार के जलते चराग,
बेवफ़ाई चाँद ने की, पड़ गया इसमें भी दाग…
रातों में टूटी छतों से टपकता है चाँद…
बारिशों सी हरकतें भी करता है चाँद.
इजाजत हो तो मैं भी तुम्हारे पास आ जाऊँ,
देखों ना चाँद के पास भी तो एक सितारा है..
मेरा और उस चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में तन्हा मैं हजारो में तन्हा।
एक अदा आपकी दिल चुराने की,
एक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक…
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
है चाँद सितारों में चमक तेरे प्यार की
हर फूल से आती है महक तेरे प्यार की.
चाँद मत मांग मेरे चाँद जमीं पर रहकर,
खुद को पहचान मेरी जान खुदी में रहकर.
उसके चेहरे की चमक के सामने सादा लगा,
आसमाँ पर चाँद पूरा था… मगर आधा लगा।
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
Chand Shayari in Hindi Font
बेसबब मुस्कुरा रहा है चाँद
कोई साजिश छुपा रहा है चाँद.
चाँद भी हैरान… दरिया भी परेशानी में है,
अक्स किस का है ये इतनी रौशनी पानी में है।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
आसमान और ज़मीं का है फासला हर-चंद,
ऐ सनम दूर ही से चाँद सा मुखड़ा दिखला.
पत्थर की दुनिया जज़्बात नहीं समझती,
दिल में क्या है वो बात नहीं समझती,
तनहा तो चाँद भी सितारों के बीच में है,
पर चाँद का दर्द वो रात नहीं समझती।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,
एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे,
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके।
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
Chand Shayari in Hindi
दिन में चैन नहीं ना होश है रात में
खो गया है चाँद भी देखो बादल के आगोश में.
रात भर आसमां में हम चाँद ढूढ़ते रहे,
चाँद चुपके से मेरे आँगन में उतर आया।
मेरा और चाँद का मुक़द्दर एक जैसा है,
वो तारो में अकेला मैं हजारो में अकेला।
कल चौदहवी की रात थी रात भर रहा चर्चा तेरा,
कुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा।
क्यों मेरी तरह रातों को रहता है परेशान,
ऐ चाँद बता किस से तेरी आँख लड़ी है।
इक अदा आपकी दिल चुराने की,
इक अदा आपकी दिल में बस जाने की,
चेहरा आपका चाँद सा और एक
हसरत हमारी उस चाँद को पाने की।
कभी तो आसमान से चाँद उतरे जाम हो जाए,
तुम्हारे नाम की एक ख़ूबसूरत शाम हो जाए।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का देखना दोस्तो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
सुबह हुई कि… छेड़ने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बड़ा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो।
इश्क तेरी इन्तेहाँ इश्क मेरी इन्तेहाँ,
तू भी अभी न-तमाम मैं भी अभी न-तमाम।
Chand Shayari in Hindi Font
सारी रात गुजारी हमने इसी इन्तजार में की,
अब तो चाँद निकलेगा आधी रात में…
रात को रोज़ डूब जाता है…
चाँद को तैरना सिखाना है मुझे।
जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात
उन आँखों में आंसू का इक कतरा होगा चाँद।
ना चाँद चाहिए ना फलक चाहिए
मुझे बस तेरी की एक झलक चाहिए.
सुबह हुई कि छेडने लगता है सूरज मुझको,
कहता है बडा नाज़ था अपने चाँद पर अब बोलो।
चाँद को तो चाहने वाले है सभी,
पर देखना ये है की चाँद किस पर फ़िदा होता है.
ढूँढता हूँ मैं जब अपनी ही खामोशी को,
मुझे कुछ काम नहीं दुनिया की बातों से,
आसमाँ दे न सका चाँद अपने दामन का,
माँगती रह गई धरती कई रातों से।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैं,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
मुझे ये ज़िद है कभी चाँद को असीर करूँ,
सो अब के दरिया में एक दाएरा बनाना है।
पूछो इस चाँद से कैसे सिसकते थे हम,
उन तन्हा रातों में तकिये से लिपटकर रोते थे हम,
तूने तो देखा नही छोड़ने के बाद,
दिल का हर एक राज़ चाँद से कहते थे हम।
Chand Shayari in Hindi Font
चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है
उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है.
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम दोस्तो,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।
चाँद हो या न हो, चांदनी रात है,
मैं तेरे साथ,तू मेरे साथ है !
ऐ चाँद चला जा क्यों आया है तू मेरी चौखट पर,
छोड़ गया वो शख्स जिसके धोखे में तुझे देखते थे।
हमने क़सम खायी है चाँद को चाँद रहने देंगे ..
चाँद में अब तुम को ना ढूँढा करेंगे .
चाँद तारो में नज़र आये चेहरा आपका
जब से मेरे दिल पे हुआ है पहरा आपका.
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर
पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर.
ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है,
क्यूँ मेरे साथ सारी रात जगा करता है,
मैं तो बन बैठा हूँ दीवाना उनके प्यार में,
क्या तू भी किसी से बेपनाह मोहब्बत करता है।
चलो चाँद का किरदार अपना लें हम,
दाग अपने पास रखें और रौशनी बाँट दें।
मुन्तज़िर हूँ कि सितारों की जरा आँख लगे,
चाँद को छत पे बुला लूँगा इशारा करके।