Broken Heart Shayari Hindi | टूटे दिल की शायरी | Best Sad Shayari Hindi | प्यार मे टूटे हुए दिल की शायरी | Tute Hue Dil Ki Shayari in Hindi | दिल टूटने वाली शायरी | Heart Broken Shayari in Hindi.
Broken Heart Shayari Hindi
तेरी दुनिया में मुझे एक पल देदे,
मेरी बेरुखी ज़िंदगी को गुज़रा हुआ कल देदे,
वो वक़्त जो गुज़रे थे साथ तेरे,
अब उन्हें भूल पाऊं ऐसा कोई हाल देदे।
लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं,
किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं,
दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गए अलविदा,
लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है।
दिल के टूटने से नही होती है आवाज़!
आंसू के बहने का नही होता है अंदाज़!
गम का कभी भी हो सकता है आगाज़!
और दर्द के होने का तो बस होता है एहसास!
दिल तोड़ कर हमारा तुमको राहत भी न मिलेगी,
हमारे जैसी तुमको कहीं चाहत भी न मिलेगी,
यूँ इतनी बेरुखी न दिखलाइये हमें,
हम अगर रूठे तो हमारी आहट भी न मिलेगी।
वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए!
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए!
कभी तो समझो मेरी खामोशी को!
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें!
आखरी बार तेरे प्यार को सजदा कर लूँ
लौट के फिर तेरी महफ़िल में नही आऊंगा |
अपनी बर्बाद मोहब्बत का जनाज़ा लेकर,
तेरी दुनियां से बहुत दूर चला जाऊंगा..!
दर्द से हाथ न मिलाते तो और क्या करते!
गम के आंसू न बहते तो और क्या करते!
उसने मांगी थी हमसे रौशनी की दुआ!
हम खुद को न जलाते तो और क्या करते!
सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!
पूछते है सब जब बेवफा था वो तो उसे दिल
दिया ही क्यों था, किस किस को बतलाये कि उस
शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी कि दिल
नहीं देते तो कमबख्त जान चली जाती।
जख़्म इतना गहरा हैं इज़हार क्या करें।
हम ख़ुद निशां बन गये ओरो का क्या करें।
मर गए हम मगर खुली रही आँखे।
क्योंकि हमारी आँखों को उनका इंतेज़ार हैं।
तू देख या न देख, तेरे देखने का ग़म नहीं;
तेरा न देखना भी तेरे देखने से कम नहीं;
शामिल नहीं हैं जिसमे तेरी यादे;
वो जिन्दगी भी किसी जहन्नुम से कम नहीं
ये हकीक़त है कि होता है असर बातों में,
तुम भी खुल जाओगे दो-चार मुलक़ातों में,
तुम से सदियों की वफाओं का कोई नाता न था,
तुम से मिलने की लकीरें थीं मेरे हाथों में।
काश कोई हम पर भी इतना प्यार जताती |
पीछे से आकर वो हमारी आँखों को छुपाती,
हम पूछते की कौन हो तुम…?
और वो हँसकर खुदको हमारी जान बताती..!!
कभी कोई अपना अनजान हो जाता है,
कभी अनजान से प्यार हो जाता है,
ये जरुरी नही कि जो ख़ुशी दे उसी से प्यार हो,
दिल तोड़ने वालो से भी प्यार हो जाता है।
कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता;
गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता; एक बार
जी भर के देख लो इस चहेरे को; क्योंकि
बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता!
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आया;
खाली ही सही हाथों में जाम तो आया;
मैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसने; यूँ ही सही,
उसके लबों पे मेरा नाम तो आया।
Broken Heart Sad Shayari Hindi
दर्द बन कर दिल में छुपा कौन है,
रह रह कर इसमें चुभता कौन है,
एक तरफ दिल है और एक तरफ आइना,
देखते है इस बार पहले टूटता कौन है ।।
तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लिया,
तन्हाई के शहर में अपना घर बना लिया,
सुना है लोग पूजते हैं पत्थर को, इसलिए तुझसे
जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया।
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला,
अपनी तो बन गई तमाशा ज़िन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला|
तू नहीं तो ये नज़ारा भी बुरा लगता है..
चाँद के पास सितारा भी बुरा लगता है..
ला के जिस रोज़ से छोड़ा है तुने भवँर में मुझको..
मुझको दरिया का किनारा भी बुरा लगता है..
सिलसिला उल्फत का चलता ही रह गया,
दिल चाह में दिलबर के मचलता ही रह गया,
कुछ देर को जल के शमां खामोश हो गई,
परवाना मगर सदियों तक जलता ही रह गया..!!
तुम ने जो दिल के अँधेरे में जलाया था कभी;
वो दिया आज भी सीने में जला रखा है;
देख आ कर दहकते हुए ज़ख्मों की बहार;
मैंने अब तक तेरे गुलशन को सजा रखा है।
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं;
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं;
पहले हर चीज़ थी अपनी मगर अब लगता हैं;
अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हम हैं।
उनसे मिलने की जो सोचें अब वो ज़माना नहीं;
घर भी उनके कैसे जायें अब तो कोई बहाना नहीं;
मुझे याद रखना तुम कहीं भुला ना देना;
माना कि बरसों से तेरी गली में आना-जाना नहीं।
हम पर जो गुज़री है क्या तुम सुन पाओगे;
नाज़ुक सा दिल रखते हो तुम रोने लग जाओगे;
बहुत ग़म मिले हैं इस दुनिया की भीड़ में; कभी
सुनो जो तुम इन्हें तुम भी मुस्कुराना भूल जाओगे।
देख कर मेरा नसीब मेरी तक़दीर रोने लगी,
लहू के अल्फाज़ देख कर तहरीर रोने लगी,
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई,
सूरत को देख कर खुद तस्वीर रोने लगी।
कभी संभले तो कभी बिखरते आये हम;
जिंदगी के हर मोड़ पर खुद में सिमटते आये हम;
यूँ तो जमाना कभी खरीद नहीं सकता हमें;
मगर प्यार के दो लफ्जो में सदा बिकते आये हम;
बिछड़ के तुम से ज़िन्दगी सज़ा लगती है;
यह साँस भी जैसे मुझ से ख़फ़ा लगती है;
तड़प उठता हूँ दर्द के मारे मैं;
ज़ख्मो को मेरे जब तेरे शहर की हवा लगती है।
आखिर दिल अपना तोड़ना ही पड़ा हमें,
रुख उनसे मोड़ना पड़ा हमें,
इतनी मोहब्बत की उनसे क्या बताये,
यारों उनकी ख़ुशी के लिये उन्हें ही छोड़ना पड़ा हमें।
जो तीर भी आता वो खाली नहीं जाता,
मायूस मेरे दिल से सवाली नहीं जाता,
काँटे ही किया करते हैं फूलों की हिफाज़त,
फूलों को बचाने कोई माली नहीं जाता।