दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए bewafa Shayari in hindi की बहुत ही बेहतरीन कलेक्शन लाये है। इसमें 250 से भी ज्यादा Bewafa Dard Bhari Shayari Hindi है।
इसमें पोस्ट में “बेवफा शायरी इन उर्दू Bewafa Shayari 2 Line, बेवफा शायरी इन हिंदी, Bewafa Shayari With Photos” है। हमें उम्मीद है की आपको ये बेवफा शायरी collection बेहद पसंद आएगी।
Bewafa Dard Bhari Shayari Hindi
तेरी मोहब्बत ने दिया सुकून इतना,
कि तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे।
अब के अब तस्लीम कर लें तू नहीं तो मैं सही,
कौन मानेगा कि हम में से बेवफा कोई नहीं।
मैं रोकना ही नहीं चाहता था वार उस का,
गिरी नहीं मेरे हाथों से ढाल वैसे ही।
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की,
कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए।
चला था ज़िकर ज़माने की बेवफाई का,
सो आ गया है तुम्हारा ख्याल वैसे ही।
चाहते हैं वो हर रोज़ नया चाहने वाला.
ऐ खुदा मुझे रोज़ इक नई सूरत दे दे।
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की,
हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे।
कैसे यकीन करें हम तेरी मोहब्बत का,
जब बिकती है बेवफाई तेरे ही नाम से।
अब देखिये तो किस की जान जाती है,
मैंने उसकी और उसने मेरी कसम खायी है।
इलाही क्यूँ नहीं उठती क़यामत माजरा क्या है,
हमारे सामने पहलू में वो दुश्मन के बैठे हैं।
रोये कुछ इस तरह से मेरे जिस्म से लग के वो,
ऐसा लगा कि जैसे कभी बेवफा न थे वो।
मुद्दतें गुजरी और तेरी याद भी न आई,
और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं।
कुछ अलग ही करना है तो वफ़ा करो दोस्त,
बेवफाई तो सबने की है मज़बूरी के नाम पर।
रहने दे ये किताब तेरे काम की नहीं,
इस में लिखे हुए हैं वफाओं के तज़करे।
समेट कर ले जाओ अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर इनकी ज़रूरत पड़ेगी।
अगले बरसों कि तरह होंगे करीने तेरे,
किसे मालुम नहीं बारह महीने तेरे।
Bewafa Shayari with Image
महफ़िल में गले मिल के वो धीरे से कह गए,
ये दुनिया की रस्म है मोहब्बत न समझ लेना।
बंद कर देना खुली आँखों को मेरी आ के तुम,
अक्स तेरा देख कर कह दे न कोई बेवफा।
मेरे फन को तराशा है सभी के नेक इरादों ने,
किसी की बेवफाई ने किसी के झूठे वादों ने।
मुझे शिकवा नहीं कुछ बेवफ़ाई का तेरी हरगिज़,
गिला तो तब हो अगर तूने किसी से निभाई हो।
हो सके तो मुड़ कर देख लेना जाते जाते,
तेरे आने के भरम में ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे।
इस दुनिया में वफ़ा करने वालों की कमी नहीं,
बस प्यार ही उससे हो जाता है जो बेवफा हो।
वो सुना रहे थे अपनी वफाओ के किस्से,
हम पर नज़र पड़ी तो खामोश हो गए।
जाते-जाते उसके आखिरी अल्फाज़ यही थे,
जी सको तो जी लेना मर जाओ तो बेहतर है।
हर भूल तेरी माफ़ की तेरी हर खता को भुला दिया,
गम है कि मेरे प्यार का तूने बेवफाई सिला दिया।
न कोई मज़बूरी है न तो लाचारी है,
बेवफाई उसकी पैदायशी बीमारी है।
कोई नहीं याद रखता वफ़ा करने वालों को,
मेरी मानो बेवफा हो लो जमाना याद रखेगा।
जिसको तुम भूल गए याद करे कौन उसे,
जिसे तुम याद हो वो याद किसको करे।
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है।
उँगलियाँ आज भी इसी सोच में गुम हैं,
कि कैसे उसने नए हाथ को थामा होगा।
वाकिफ तो थे तेरी बेवफ़ाई की आदत से,
चाहा इसलिए कि तेरी फितरत बदल जाये।
हम जमाने में यूँ ही बेवफ़ा मशहूर हो गये दोस्त,
हजारों चाहने वाले थे किस-किस से वफ़ा करते।
जा तुझ को तेरे हाल पे छोड़ा,
इस से बेहतर तेरी सजा भी क्या है।
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कभी फुर्सत मिले तो इतना जरुर बताना।
वो कौन सी मोहब्बत थी? जो हम तुम्हें दे ना सकें।
खुदा ने पूछा क्या सज़ा दूँ उस बेवफ़ा को,
दिल ने कहा मोहब्बत हो जाए उसे भी।
मिल ही जाएगा कोई ना कोई टूट के चाहने वाला,
अब शहर का शहर तो बेवफा हो नहीं सकता।
हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम,
होने लगे तो कुछ कुछ बेवफा से तुम।
मेरी वफा फरेब थी मेरी वफा पे खाक डाल ।
तुझसा ही कोई बावफा तुझको मिले खुदा करे।
कैसे बुरा कह दूँ तेरी बेवफाई को,
यही तो है जिसने मुझे मशहूर किया है।
सिर्फ एक ही बात सीखी इन हुस्न वालों से हमने,
हसीन जिसकी जितनी अदा है वो उतना ही बेवफा है।
दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला।
हम तो जल गये उसकी मोहब्बत में मोमकी तरह,
फिर भी कोई बेवफा कहे तो उसकी वफ़ा को सलाम।
उसे बेवफा कहेंगे तो,
अपनी ही नजर में गिर जाएंगे हम।
वो प्यार भी अपना था और, वो पसंद भी अपनी थी।
इतना न याद आओ कि खुद को तुम समझ बैठूं,
मुझे अहसास रहने दो मेरी अपनी भी हस्ती है।